स्कूल शिक्षक के कर्तव्य, हाईकोर्ट में जस्टिस एनके व्यास ने बताए- School education news

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जस्टिस एनके व्यास ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती से संबंधित 27 याचिकाओं को एक साथ निरस्त करते हुए प्राथमिक शिक्षक के कर्तव्यों को स्पष्ट शब्दों में परिभाषित किया। उनके द्वारा बताए गए प्राथमिक शिक्षक के कर्तव्य ना केवल डीएलएड और BEd के कोर्स में पढ़ाए जाने योग्य है बल्कि सरकारी नियमों में शामिल किए जाने के योग्य भी हैं।

सभी पक्षों को सुनने के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जस्टिस एनके व्यास ने कहा कि, एक शिक्षक को बच्चों में झुकाव पैदा करना होता है जो विकल्प के रूप में काम कर सकता है। एक बच्चे में प्रेरणा का स्तर ऐसा होना चाहिए कि वह एक संपूर्ण इंसान के रूप में जीवन में अपनी पहचान बना सके। यह याद रखना चाहिए कि लाखों सेब को गिरते हुए सब देखते हैं लेकिन न्यूटन ने पूछा था कि क्यों। 

प्राथमिक स्तर पर शिक्षक का कार्य बच्चे में जिज्ञासा के इस तत्व को उत्पन्न् करना है।एक बच्चे को आत्मनिर्भर बनाना व सिखाना वह कला है जिसे सावधानी से विकसित करना होगा, ताकि कठोर तरीकों का उपयोग करके नाजुक आत्मविश्वास को नष्ट न किया जा सके। जस्टिस व्यास ने कहा कि यह याद रखना चाहिए कि शिक्षक उन आत्माओं को शिक्षा प्रदान करते हैं जो बचपन की मासूमियत और युवावस्था की मूर्खता के बीच हैं। बच्चों को जीवन जीने के लिए शिक्षित करना शिक्षा शास्त्र का यह पहलू है जो महत्व प्राप्त करता है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!