मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोक निर्माण विभाग एक ऐसा काम करने जा रहा है जो अब से पहले मध्यप्रदेश में नहीं हुआ। पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट ने सभी तैयारियां कर ली है। भोपाल की सड़कों पर गड्ढे भरने का काम ड्पयूरापेचर मशीन से किया जाएगा। एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए लोग गड्ढे की सूचना देंगे और मात्र 24 घंटे के भीतर गड्ढा गायब सड़क चकाचक कर दी जाएगी।
भोपाल शहर के गड्ढे पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुके हैं। एक फोटो तो सोशल मीडिया पर साल भर तक वायरल होता रहा लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गड्ढों के खिलाफ पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट की टीम अभियान की तरह काम करेगी। शिकायत मिलते ही एजेंसी को 24 घंटे के भीतर गड्ढा भरने और भरे हुए गड्ढे की फोटो वीडियो रिप्लाई करना होंगे। डिपार्टमेंट के अधिकारी शिकायतों की मॉनिटरिंग करेंगे। मौके पर जाकर क्रॉस चेक करेंगे। यह मॉडल हरियाणा से अडॉप्ट किया गया है।
इसको लेकर करीब डेढ़ माह पहले पीडब्ल्यूडी के 3 इंजीनियरों की टीम हरियाणा जाकर आई और वहां पर सड़कों को लेकर स्टडी की थीं। वहां की सड़कों की हालत एकदम ठीक थीं और तत्काल गड्ढे भरने में इस मशीन का प्रयोग होता है। एक ऐप भी बनाया गया है और आमजन को जोड़ा गया है। इसी कांसेप्ट को अपनाकर भोपाल में सड़कों को 24 घंटे में सुधारा जाएगा।
भोपाल के बाद विदिशा, रायसेन, राजगढ़, नर्मदापुरम और हरदा में भी हरियाणा की तर्ज पर काम होगा। गौरतलब है कि पीडब्ल्यूडी इन जगह 2,340 किमी जर्जर सड़कों पर पैचवर्क करेगा।
ड्यूरापेचर मशीन क्या होती है
ड्यूरापेचर मशीन पैचवर्क के लिए काम आती है। इसमें गिट्टी, डामर व अन्य सामग्री डालने पर गर्म होने पर मिश्रण बनता है। सड़कों पर जहां भी पैचवर्क करना हो वहां यह मिश्रण डाला जाता है। इसका फायदा यह है कि यह तत्काल काम करती है। इस मशीन से और पानी लगने से खराब भी नहीं होती।