ग्वालियर। मध्य प्रदेश के प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP-TET) पेपर लीक मामले में नया खुलासा हुआ है। एग्जाम शुरू होने के पांचवें दिन ही एक उम्मीदवार ने पर्चा लीक किया था। यह सब तब हुआ था, जब परीक्षार्थी एग्जाम हॉल में पेपर दे रहा था।
यह खुलासा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा की जांच कर रही एजेंसी MPSEDC (मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) की जांच रिपोर्ट में हुआ है। इससे पहले सामने आया था कि सागर के एक कॉलेज से 25 मार्च को पेपर लीक हुआ था। मामले की जांच आखिरी सप्ताह में एमपीएसईडीसी ने पीईबी को सौंपी थी। यह रिपोर्ट बीते सप्ताह पीईबी अफसरों ने एमपी नगर पुलिस को सौंप दी है, जिसका खुलासा हाल ही में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षा के दौरान उसके कम्प्यूटर की स्क्रीन जिस समय ब्लिंक हो रही थी, उसी दौरान उसने सबसे ज्यादा प्रश्न हल किए। ऐसा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के दौरान तीन दिन में पांच बार अलग-अलग पारी में हुआ था। ये रिपोर्ट 26 अप्रैल 2022 को पीईबी को सौंपी गई थी। 5 परीक्षार्थियों के खिलाफ पीईबी ने भोपाल के एमपी नगर थाने में केस भी दर्ज कराया है। निशा सोलंकी, मनोज कुमार पटेल, नीलम केमोर, भुवनेश शर्मा और परत सिंह रावत का पर्चा एग्जाम सेंटर के बाहर सॉल्व हुआ था।
रिपोर्ट के अनुसार पीईबी की एमपी-TET में पहले 10 मार्च को पहली पारी में परीक्षा दे रही छात्रा निशा सोलंकी का पर्चा, एग्जाम सेंटर के बाहर से सॉल्व किया गया था। छात्रा ने जिस समय पेपर सॉल्व किया, उस समय उसके कम्प्यूटर की स्क्रीन ब्लिंक कर रही थी, जबकि स्क्रीन ब्लिंक होने के दौरान कोई भी उम्मीदवार अपना प्रश्नपत्र सॉल्व नहीं कर सकता। इससे छात्रा के पर्चे को एग्जाम हॉल के बाहर बैठे दूसरे व्यक्ति के द्वारा सॉल्व करने की पुष्टि होती है। छात्रा ने ग्वालियर के सर्वधर्म महाविद्यालय परीक्षा केंद्र से एमपी-TET की परीक्षा दी थी।
ग्वालियर के सर्वधर्म महाविद्यालय और सागर के ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस को पीईबी ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में सेंटर बनाया था। इन सेंटर्स पर 10 मार्च, 24 मार्च और 25 मार्च को अलग-अलग पाली में पांच अलग-अलग परीक्षार्थियों की स्क्रीन ब्लिंक हुई, हॉल में ड्यूटी कर रहे इनविजिलेटर ने इसे अनदेखा कर दिया। यही नहीं, संबंधित परीक्षार्थी ने भी इनविजिलेटर से कम्प्यूटर स्क्रीन ब्लिंक होने की शिकायत नहीं की। इससे एग्जाम हॉल के बाहर से परीक्षार्थी के सहमति से पर्चा सॉल्व होने की पुष्टि होती है।