जबलपुर। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी एवं शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण विवाद में शिवराज सिंह चौहान सरकार की ओर से हाईकोर्ट में शासकीय सेवा में पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व का डाटा पेश किया गया। इससे पहले कमलनाथ सरकार में जनसंख्या के आधार पर 27% आरक्षण हेतु डाटा प्रस्तुत किया था।
सरकार द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार शासकीय सेवाओं में ओबीसी का 13.66 है। मंडल कमीशन की अनुशंसा पर मध्य प्रदेश में 1994 से पहली बार ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। बताया गया है कि सन 1990 से पूरे भारत देश में ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जा रहा है परंतु मध्यप्रदेश में 14% आरक्षण दिया गया और वह भी 4 साल बाद सन् 1994 से।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण का मामला अब फैसले की कगार पर आ चुका है। सन 2019 से प्रारंभ हुए इस विवाद को सरकार सन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले निपटाना चाहती है। 16 अगस्त, 2022 को फाइनल हियरिंग के लिए नियत है।
मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने उक्त डेटा का संग्रह किया गया है। उक्त डेटा में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 3,21,944 (तीन लाख इक्कीस हजार नो सौ चौवालीस) में से ओबीसी वर्ग को मात्र 43,978 पद अर्थात 13.66 प्रतिशत आरक्षित बताया गया है। उक्त जानकारी के डेटा हाई कोर्ट में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अभी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना शेष है।