मध्य प्रदेश के प्राचीन और ऐतिहासिक शहरों में से एक है ग्वालियर शहर। ग्वालियर के किले पर स्थित है तेली का मंदिर। कुछ लोग कहते हैं कि राजा भोज द्वारा बनवाया गया मंदिर भोजपुर भोपाल में है और गंगू तेली का मंदिर ग्वालियर के किले पर बना हुआ है। आइए जानते हैं कि इतिहास की किताब में क्या लिखा है:-
ग्वालियर का किला कितना पुराना है, कहीं उल्लेख नहीं मिलता। किले पर जो सबसे पुराना शिलालेख मिला है वह छठवीं शताब्दी में हूण शासक मिहिरकुल का बताया जाता है। आठवीं शताब्दी में राजा के वीर सेनापति का नाम तेल्प था। उन्होंने ही ग्वालियर के किले के दक्षिण और उत्तर भारतीय शैली के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर को उन्हीं के नाम पर सेनापति तेल्प का मंदिर पुकारा जाता था।
ग्वालियर एक ऐसा ऐतिहासिक शहर है जिस के लगभग सभी नाम समय के साथ बोलचाल के तरीकों में परिवर्तन के कारण बदल गए। जैसे भगवान सहस्त्रबाहु के मंदिर को सास बहू का मंदिर कहा जाने लगा। इसी प्रकार सेनापति तेल्प का मंदिर, तेली का मंदिर कहा जाने लगा। इस मंदिर का राजा भोज और गंगू तेली से और ना ही उनके समाज से, कोई संबंध नहीं है।