भोपाल। मैनिट में हाल में हुए पीएचडी एंट्रेंस में आधी से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। इन सीटों को न भरे जाने से अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि जब कैंडिडेट्स थे तो उन्हें इसमें प्रवेश क्यों नहीं दिया गया। इधर, प्रबंधन की दलील है कि जो किसी न किसी कारण से क्वालिफाई नहीं कर पाए या किसी कारण से अपात्र मिले उनका प्रवेश नहीं हुआ है। नवंबर में फिर से एग्जाम होगा वे उसमें शामिल हो सकेंगे।
इस बार PHD की 159 सीट्स में से केवल 70 सीट्स ही भरी गई हैं। बाकी की सीटें छोड़ दी गई हैं। इन सीटों पर पीएचडी एंट्रेस हुआ था। अब छात्र यह सवाल उठा रहे हैं कि शेष सीटों को रिक्त क्यों छोड़ दिया गया जबकि वे परीक्षा में शामिल हुए थे। उन्हें परीक्षा के नंबर भी नहीं बताए गए। मैनिट के अधिकारियों का कहना है कि जिन छात्राें ने भी क्वालिफाई किया है उनके नाम घोषित कर दिए गए हैं। केवल एक का परिणाम होल्ड पर है।
बाकी ऐसे छात्र हैं जिन्होंने किसी न किसी कारण से क्वालिफाई नहीं किया। इसके बहुत से कारण थे। कुछ लिखित में तो कुछ इंटरव्यू में क्वालिफाई न करने की वजह से बाहर हुए है। कई के डॉक्यूमेंट़्स अधूरे थे। जिन्होंने क्वालिफाई किया उनकी जानकारी दी गई है। अब अक्टूबर-नवंबर में दोबारा से पीएचडी एंट्रेंस आयोजित किया जाएगा। इस बार जो क्वालिफाई हुए हैं उनके नाम घोषित कर दिए गए। ऐसा जरूरी नहीं है कि जितनी सीट हैं वे सभी भर दी जाएं।