अपन यह तो जानते हैं कि ज्योतिर्लिंग एवं विभिन्न स्वयंभू शिवलिंग में रेडियो एक्टिव एनर्जी को शांत करने एवं पृथ्वी को किसी अज्ञात विनाश से बचाने के लिए पानी और दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है परंतु शहद में ऐसा कोई गुण नहीं होता फिर शिवलिंग के अभिषेक में शहद को क्यों शामिल किया जाता है।
अपन जानते ही हैं कि शहद में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। साथ ही इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी, ज़िंक, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम और सोडियम जैसे कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। इन्हीं तत्वों के कारण शिवलिंग के अभिषेक में शहद को शामिल किया गया है।
कृपया तत्वों पर गौर कीजिए, आयरन, मैग्नीशियम एवं कैल्शियम आदि के कारण शिवलिंग पर एक खास किस्म का कवच बन जाता है, जो शिवलिंग के पत्थर का क्षरण नहीं होने देता। शिवलिंग पर जल और दूध का अभिषेक उसके नीचे जमीन में मौजूद रेडियो एक्टिव एनर्जी को शांत करने के लिए किया जाता है परंतु शहद का उपयोग शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।