एक गोपनीय पूजा विधि, जिससे कष्टों का निवारण और जीवन में सफलता मिलती है-Rashifal

भारतीय संस्कृति में पूजा पाठ हमेशा धूमधाम से किए जाते हैं और उसमें बंधु बांधवों को आमंत्रित भी किया जाता है परंतु हम आपको एक ऐसी गोपनीय पूजा विधि बताने जा रहे हैं जिसको करने से जीवन के प्रचलित कष्टों का निवारण होता है और सफलता प्राप्त होती है। विधिवत संकल्प के साथ करें तो कार्य सिद्ध हो जाता है। इसके बारे में निश्चित रूप से आप भी जानते ही होंगे। यह है गुप्त नवरात्रि जो दिनांक 30 जून 2022 से शुरू हो रही है।

गुप्त नवरात्रि जून 2022 शुभ मुहूर्त

आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून को हो रही है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 05:26 बजे से 06:43 बजे तक रहेगा। इस अवसर पर कुछ विशेष संयोग भी बन रहे हैं। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, अडाल योग और विडाल योग बन रहे हैं। इस दिन जिस भी कार्य का शुभारंभ किया जाएगा, मान्यता है कि वह करता के लिए मंगलकारी होगा।

गुप्त नवारात्रि का महत्व 

ध्यान में रखना आवश्यक है कि गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना की सिद्धि की जाती है। गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक, साधक और अघोरी तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करने के लिए मां की साधना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त गुप्त नवारात्रि के दौरान पूरे 9 दिन तक सुबह और शाम को मां दुर्गा की आराधना करता है और नियमित दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं उन पर मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। 

गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि 

गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि आपको आपके गुरु से मिलेगी। यदि आपने दीक्षा नहीं लिए है तो फिर 9 दिन के लिए संकल्प लें और माता की तस्वीर के सामने बैठकर श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।

कृपया नोट करें कि आप जो भी करने वाले हैं वह गोपनीय रूप से होना चाहिए यानी की मित्र एवं रिश्तेदारों के बीच उसकी घोषणा नहीं होनी चाहिए। संभव हो तो परिवार में भी सभी को इसकी सूचना नहीं होनी चाहिए।

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