भोपाल। मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम चुनाव में पहली बार पार्षद प्रत्याशियों के लिए प्रचार में खर्चे की लिमिट तय की गई है। नियम कायदे तय करते समय राज्य निर्वाचन आयोग स्टार प्रचारकों का प्रावधान करना ही भूल गया। जब प्रश्न उपस्थित हुआ तो स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि कि वर्तमान में नगरीय निकाय निर्वाचन में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्टार प्रचारक के संबंध में कोई प्रावधान नहीं किए गए हैं। निर्वाचन अभ्यर्थी के व्यय को निर्वाचन खर्च में शामिल किया जाएगा।
एक ही मंच से एक से अधिक प्रत्याशियों की सभा होने की स्थिति में महापौर तथा पार्षद के व्यय का विभाजन व्यय की अधिकतम सीमा के अनुपात में किया जाएगा। एक से अधिक पार्षदों की सभा के प्रकरण में पार्षदों के मध्य व्यय समान रूप से विभाजित किया जाएगा। निर्वाचन प्रचार के लिए बाहर से आने वाले व्यक्तियों पर होने वाले यात्रा व्यय को व्यय में शामिल नहीं किया जाएगा।
कुल मिलाकर राज्य निर्वाचन आयोग के पास खर्चे का हिसाब रखने का कोई फार्मूला नहीं है। शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ की जिन सभाओं और रोड शो में महापौर प्रत्याशी, आसपास की नगर पालिकाओं के प्रत्याशी, और शहर के पार्षद पद के प्रत्याशी शामिल हो रहे हैं। उनमें खर्चा किस अनुपात में विभाजित किया जाएगा।