MP NEWS- आदिवासी बच्चे कभी डॉक्टर नहीं बन पाएंगे, स्कूलों में साइंस के टीचर ही नहीं है

Bhopal Samachar
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भोपाल
। मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में संचालित सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे कभी डॉक्टर नहीं बन पाएंगे क्योंकि सरकारी स्कूलों में साइंस के टीचर ही नहीं है। 997 हाईस्कूल और 692 हायर सेकेंडरी स्कूल लावारिस पड़े हैं। इन स्कूलों में विद्यार्थी हैं लेकिन पर्याप्त शिक्षक नहीं है और प्राचार्य तो किसी में भी नहीं है। यह खुलासा भोपाल के धुरंधर पत्रकार मनीष कुशवाहा ने आरटीआई कार्यकर्ता पुनीत टंडन से प्राप्त जानकारी के आधार पर किया है।

755 स्कूलों में साइंस के टीचर नहीं है

सरकारी नीतियों की समीक्षा सब अपने तरीके से कर सकते हैं परंतु आंकड़े कहते हैं कि आदिवासी अंचल के  755 हायर सेकंडरी स्कूलों में जीव विज्ञान के शिक्षक ही नहीं हैं। ये पद लंबे समय से रिक्त हैं। धार जिले में 87 पद रिक्त हैं तो मंडला में 80 हैं। अनूपपुर जिले में 79 पद रिक्त हैं। बैतूल में 59, झाबुआ में 56, छिंदवाड़ा और डिंडौरी में 53 53 तो शहडोल में 50 पद रिक्त हैं। 

997 हाई स्कूलों में प्राचार्य ही नहीं है, स्कूल कैसे चलेगा

हाईस्कूलों में प्राचार्यों के 1151 पद स्वीकृत हैं, इनमें से महज 154 पर ही प्राचार्य हैं, जबकि 997 रिक्त हैं। धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर में 489 पद मंजूर हैं, पर इनमें से 56 ही भरे गए हैं। 466 पद रिक्त हैं। इसी तरह शहडोल, उमरिया और अनूपपुर में 182 पदों में से 18 पर ही प्राचार्यों की नियुक्ति है, 164 पद रिक्त हैं।

692 हायर सेकेंडरी स्कूल लावारिस पड़े हैं 

प्राचार्य, किसी भी स्कूल का पालक और संचालक होता है। उसके बिना स्कूल लावारिस हो जाता है। आदिवासी विकासखंडों में उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्राचार्यों के 889 पद स्वीकृत हैं। इनमें से महज 197 ही भरे गए हैं, जबकि 692 स्कूलों में प्राचार्य के पद रिक्त हैं। धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन और खंडवा में कुल 347 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 68 पर ही प्राचार्यों की तैनाती है, जबकि 279 पद रिक्त हैं। शहडोल उमरिया और अनपूपुर जिले में 142 स्वीकृत पदों पर 15 पर ही प्राचार्य हैं, 127 पद रिक्त हैं।

यह नोट करना अनिवार्य है कि इन सभी स्कूलों का संचालन जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया जाता है। इस डिपार्टमेंट का गठन आदिवासियों की देखभाल करने, उनकी जरूरतों का पता लगाने और उसे पूरा करने के लिए ही किया गया है।
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