नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत में विज्ञापन के नए नियम लागू कर दिए हैं। Misleading Ad and Misleading Endorsement Guidelines जारी कर दी गई है। अब यदि कोई कंपनी का कारोबार गाइडलाइन का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
Misleading Ad क्या होता है
यह एक ऐसा विज्ञापन होता है जो ग्राहक को मिस लीड कर रहा होता है। यानी कि गलत जानकारी दे रहा होता है। अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनी या कारोबार के संचालक अपने विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को भ्रमित कर देते हैं। विज्ञापन में किसी प्रोडक्ट के बारे में कोई जानकारी छुपाना भी मिसलीडिंग कहलाता है।
Misleading Advertisements Guidelines की खास बातें
- बच्चों के बारे में ऐसा कोई भी क्लेम नहीं किया जाएगा जो वाजिब ना हो।
- विज्ञापन में डिस्क्लेमर को बिल्कुल क्लियर रखना होगा, ताकि आसानी से पढ़ा जा सके।
- Surrogate Advertising पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है।
- किसी भी विज्ञापन में ग्राहकों को जल्दी खरीदने के लिए नहीं कहा जा सकता।
- यदि पर्याप्त स्टॉक नहीं है तो स्पेशल ऑफर, आधी कीमत और फ्री जैसे विज्ञापन नहीं किए जा सकते।
- किसी भी विज्ञापन में फ्री के साथ शर्तें लागू नहीं कर सकते।
- विज्ञापन में यदि किसी स्टडी या रिपोर्ट की बात की जाती है तो उसके सोर्स का उल्लेख भी करना अनिवार्य है।
- टूथपेस्ट और च्यवनप्राश जैसे सभी उत्पादों के विज्ञापन में किसी डॉक्टर या प्रोफेशनल का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
- यदि किसी कंपनी से जुड़ा हुआ व्यक्ति विज्ञापन कर रहा है तो उसे स्पष्ट करना होगा कि कंपनी में उसकी स्थिति क्या है।
विज्ञापन के नए नियम एवं गाइडलाइन तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। Central Consumer Protection Authority ने बताया कि शुरुआत में 113 नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें 57 Misleading add, 47 Unfair Trade Practice और 9 उपभोक्ता अधिकारों को बाधित करने वाले विज्ञापनों से संबंधित हैं।