भोपाल। मध्यप्रदेश के आसमान को बादलों ने ठीक उसी प्रकार से घेर रखा है जैसे कि रूस की सेना ने यूक्रेन को घेर रखा है। अचानक हुए मौसम के बदलाव के लिए कोई तैयार नहीं था। मंगलवार से बारिश शुरू हो गई है। हजारों किसानों का करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। सिलसिला जारी है और भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि शनिवार 12 मार्च 2022 तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
MP WEATHER FORECAST- 22 जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना
ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, सीहोर, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, उज्जैन, धार, देवास, नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिला में आंधी और बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम केंद्र भोपाल का कहना है कि इन जिलों में लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चलने और बारिश के साथ साथ वज्रपात की भी संभावना है। नागरिकों से अपील है कृपया सावधान रहें।
MP मौसम समाचार- खतरा बना रहेगा, सावधान रहें
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि यह स्थिति 12 मार्च 2022 तक रह सकती है। मौसम केंद्र की रिपोर्ट 9 मार्च 2022 की सुबह बनाई गई थी। तब तक पिछले 24 घंटे में इंदौर, नर्मदा पुरम एवं उज्जैन संभाग के कई जिलों में वर्षा दर्ज की गई थी। समाचार लिखे जाने तक मंदसौर में भारी ओलावृष्टि के कारण हजारों किसान बर्बाद हो गए हैं। मध्य प्रदेश के कई इलाकों में गेहूं की खड़ी फसल खेत में चादर की तरह बिछ गई है।
उज्जैन में ओले गिरे- गेहूं, चना, प्याज और आलू की फसलों को नुक्सान
किसान जितेंद्र ठाकुर ने बताया कि गेहूं, चना, प्याज और आलू की फसलें खड़ी हैं। गेहूं तो कटने को है। ओले गिरने से गेहूं को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उज्जैन में सबसे ज्यादा खाचरौद तहसील के गांव प्रभावित हुए हैं। घिनोदा, बटलावाडी में ज्यादा नुकसान है।
नीमच में- गेहूं, सरसों, लहसुन, ईसबगोल की फसल बर्बाद
बुधवार रात नीमच सहित आसपास के क्षेत्र में बारिश के साथ मक्का के आकार के ओले गिरे। सुबह खेतों में गेहूं, सरसों, लहसुन, ईसबगोल की फसल आड़ी हो गई। अफीम पौधों में लगे डोडे टूट गए। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.