बिना चवन्नी खर्च किए तोंद गायब, मात्र 29 दिन का कोर्स - belly fat yoga asanas

मोटापा एक समस्या है और मोटा पेट दूसरी समस्या। उम्र के साथ पेट सभी का बाहर निकल आता है लेकिन कुछ लोगों का पेट, तोंद बन जाता है। तोंद घटाने के लिए लोग काफी पैसा खर्च करते हैं और जिम में जाकर मेहनत भी करते हैं परंतु परमानेंट रिजल्ट नहीं मिलते। यहां एक ऐसे योगासन के बारे में बताया जा रहा है जिसके रिजल्ट इतने अच्छे हैं कि सारी दुनिया में करोड़ों लोग इसे कर रहे हैं। यह मात्र 29 दिन में आपकी तोंद को कम कर देता है, और अगले 29 दिन में लगभग गायब कर देता है। 

प्लांक आसन से पहले की तैयारी

जब आप डिसीजन बना लें कि आपको प्लांक आसन करना है, तब आसन से पहले आपको कुछ तैयारी करनी होगी। चाय, कॉफी, रोटी, मटन, चिकन, फास्ट फूड, जंक फूड, नूडल्स, सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा, सेव, मैदे, बेसन, दूध आदि से बने हुए खाद्य पदार्थ का त्याग करना होगा। केवल ज्यूस, फल, सब्जी, ड्राय फ्रूट और स्मूदी आपकी डाइट में शामिल हो सकते हैं। यह पूरे 29 दिनों तक चलेगा। आपको प्रतिदिन 1 मिनट से शुरू करना है और अधिकतम 5 मिनट तक इस पोजीशन में रहना है।

प्लांक आसन क्या है, कैसे किया जाता है

कुंभकासन और चतुरंग दंडासन की मुद्राओं को मिलाकर एक नया आसन बनाया गया है जिसे प्लांक (plank) कहा जाता है। प्लांक को हिन्दी में काष्ठफलक कहा जाता है। यह दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इसके कारण लोगों को वह रिजल्ट मिल रहे हैं जिसके लिए वह काफी पैसा और पसीना बहा चुके हैं। मजेदार बात यह है कि भारतीय नागरिकों के लिए यह बिल्कुल भी नया नहीं है क्योंकि यह सूर्य नमस्कार की 5वीं स्टेप है।

प्लांक आसन की विधि 

सबसे पहले शवासन में सोते हुए मकरासन में लेट जाएं। अब अपनी कोहनी और हाथ के पंजे को भूमि कर रखें। फिर छाती, पेट, कम और पुष्ठिका को उपर उठाते हुए पैर के पंजे सीधे कर दें। इस स्थिति में आपके शरीर का बल या वजन पूर्णत: हाथ के पंजे, कोहनी और पैर के पंजों पर आ जाएगा। अब गर्दन सहित रीढ़ की हड्डी को सीधा करें। इस स्थिति में रीढ़ सीधी रेखा में होना चाहिए। बिल्कुल एक लकड़ी का तख्ते या पल्ले जैसी। 

प्लांक आसन का तरीका सरल हिंदी में 

चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपनी हथेलियों को अपने चेहरे के आगे रखें और पैरों को इस तरह मोड़ें कि पंजे जमीन को धकेल रहे हों। अब हाथ को आगे की तरफ पुश करें और अपनी पुष्टिका को हवा में उठाएं। आपके पैर जमीन से यथासंभव सटे होने चाहिए और गर्दन ढीली होनी चाहिए। इसे अधोमुख स्वानासन के नाम से भी जाना जाता है। यहां तक पहुंचने के बाद सांस अंदर लें और अपने धड़ को इस तरह नीचे ले जाएं कि आपकी बांहों का बल जमीन पर लग रहा हो ताकि आपकी छाती और कंधे, सीधा उन पर टिके हों। इस मुद्रा में तब तक रहें, जब तक कि सहज हो। आसन से बाहर आने के लिए सांस छोड़ें और आराम से शरीर को फर्श पर लेटने दें।

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