क्या कोई कोर्ट संज्ञेय एवं असंज्ञेय अपराध के मामले की सुनवाई एक साथ कर सकता है या नहीं जानिए- CrPC section 220

पिछले कुछ लेखों में हमने आपको अपराध से सम्बंधित आरोप के विचारण कौनसे न्यायालय में किया जाता है एवं इनकी सुनवाई कौनसे अधिकारिता क्षेत्र वाले मजिस्ट्रेट करते हैं जानकारी दी थी। कोई भी अपराध दो प्रकार के होते हैं संज्ञेय एवं असंज्ञेय अपराध इन अपराध को सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट,द्वितीय वर्ग के मजिस्ट्रेट द्वारा या किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। आपराधिक मामले में एक सवाल यह है कि अगर किसी आरोपी पर एक ही व्यक्ति द्वारा संज्ञेय एवं असंज्ञेय अपराध का आरोप लगाया गया है, तब अपराध का विचारण कोनसा मजिस्ट्रेट या कोर्ट करेगा जानते हैं।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 220 की परिभाषा (सरल एवं संक्षिप्त शब्दों में):-

• अगर किसी व्यक्ति पर एक ही व्यक्ति द्वारा एक से अधिक प्रकार के अपराध का आरोप हैं, तब सभी अपराध के आरोपो का विचारण एक ही न्यायालय द्वारा किया जाएगा।
• अगर कोई स्थानीय विधि या विशेष विधि में भी वही अपराध की परिभाषा दी है, तब भी सभी अपराध का विचारण एक ही न्यायालय में होगा जैसे SC-ST Act,1989,पॉस्को एक्ट, भ्रष्टाचार अधिनियम आदि। 

उदहारानुसार:- कोई व्यक्ति किसी से गाली गलौज करता है एवं मारने की धमकी देता है एवं फिर कम गंभीर चोट पहुचा देता है उसके बाद गंभीर चोट कर देता है यहाँ पर अरोपी ने पहला गाली-गलौज एवं धमकी का अपराध किया,दूसरा कम गंभीर अर्थात असंज्ञेय अपराध किया, तीसरा गंभीर चोट का अपराध किया। या किसी स्थानीय अधिनियम के मामला हुआ है तब इस प्रकार सभी संज्ञेय एवं असंज्ञेय अपराध का विचारण एक ही न्यायालय द्वारा किया जाएगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !