अपर एवं सहायक सत्र न्यायाधीश कब मामले का विचारण कर सकते हैं जानिए - CrPC section 194

Bhopal Samachar
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 9 में बताया गया है कि उच्च न्यायालय, अपर एवं सहायक सत्र न्यायाधीश की नियुक्ति करेगा एवं संहिता की धारा-10 बताती है कि सभी सहायक सत्र न्यायाधीश, सत्र न्यायालय के अधीनस्थ होंगे। 

अगर कोई सत्र न्यायालय का न्यायधीश उपस्थित नहीं होता है तब अपर एवं सहायक सत्र न्यायाधीश मामले को सुनवाई करता है। पहले उपखण्ड (जिला स्तर) में सत्र न्यायालय होता है एवं दूसरे स्तर (तहसील) स्तर पर अपर एवं सहायक न्यायाधीश उपस्थित रहता है। सवाल यह है कि क्या कोई अपर एवं सहायक सेशन न्यायाधीश किसी मामले की सुनवाई डारेक्ट कर सकता है या नहीं।

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 194 की परिभाषा:-

कोई भी अपर एवं सहायक सत्र न्यायाधीश किसी मामले का विचारण या जाँच तब तक नहीं करेगा जब तक कि सत्र न्यायालय के  किसी साधारण या विशेष आदेश द्वारा उसे निर्देश नहीं दिया गया हो। 
डायरेक्ट उच्च न्यायालय के आदेश पर भी अपर एवं सहायक सत्र न्यायाधीश किसी भी मामले का विचारण एवं जाँच कर सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!