MP NEWS- मजबूर जनता, सरकारी स्कूल में शिक्षकों का वेतन चंदा करके दे रही है

Bhopal Samachar
भोपाल
। किसी भी सरकार के लिए यह शर्मसार करने वाला विषय होता है जब हर खरीद और सेवा पर GST अदा करने वाली जनता को शिक्षा और चिकित्सा जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हों। नवादपुरा गांव कहने को तो स्मार्ट विलेज है परंतु असल में लावारिस गांव हैं। यहां सरकारी स्कूल तो है लेकिन उसमें शिक्षक नहीं है। मजबूर ग्रामीणों ने प्राइवेट शिक्षक नियुक्त किए हैं। चंदा करके शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है। 

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की शर्मसार करने वाली तस्वीर

नवादपुरा गांव मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित है। सरकार ने इसे स्मार्ट विलेज घोषित किया था। स्मार्ट सिटी के विकास पर तो हजारों करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं परंतु मध्य प्रदेश के स्मार्ट विलेज के स्मार्ट स्कूल में शिक्षक ही नहीं है। सरकार ने यहां अतिथि शिक्षक भी नियुक्त नहीं किए। मजबूर ग्रामीणों ने बच्चों का भविष्य बचाने के लिए 12 प्राइवेट टीचर अप्वॉइंट किए हैं। सरकारी स्कूल में प्राइवेट टीचर पढ़ाते हैं। इनका सालाना वेतन ₹800000 आएगा। ग्रामीणों ने चंदा करके वेतन देने का निर्णय लिया है।

यह सराहनीय नहीं चिंता का विषय है, 

आश्चर्यजनक बात यह है कि समाज का बुद्धिजीवी वर्ग ग्रामीणों की इस पहल की सराहना कर रहा है। जबकि यह व्यवस्था में लापरवाही और शिक्षा का अधिकार अधिनियम का खुला उल्लंघन है। नवादपुरा गांव के मामले में ऐसा नहीं होगा परंतु यदि नवादपुरा की नकल करते हुए पूरे मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में इस प्रकार की गतिविधियां चलने लगी तो यह बहुत खतरनाक होगा। 

  • आज सरकारी बिल्डिंग में प्राइवेट कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। 
  • कल निजी स्तर पर मेंटेनेंस किया जाएगा। 
  • भवन पर मेंटेनेंस करने वाले का अधिकार हो जाता है, 5 साल बाद कब्जा कर लिया जाएगा। 
  • खर्चा निकालने के लिए स्कूल के बाहर दुकानें खोली जाएंगी।
  • खर्चा बढ़ जाने पर इनमें से कुछ दुकानों को शराब ठेकेदार को किराए पर दे दिया जाएगा। 

जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड कर देना चाहिए 

सरकारी स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड कर देना चाहिए।
सरकारी स्कूल में प्राइवेट शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को तुरंत सस्पेंड कर देना चाहिए। 
सरकारी स्कूल का भवन निजी गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराने के आरोप में जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल सस्पेंड कर देना चाहिए।
धार जिले के कलेक्टर को चाहिए कि तत्काल नवादपुरा गांव में नियमित अथवा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करें। जिन शिक्षकों को ग्रामीणों ने चुना है, उन्हें ही अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त करें परंतु व्यवस्था को सरकारी प्रक्रिया में लाना अनिवार्य हैं।

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