यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में बैठा है और उसके भड़काने पर, अथवा उसके दुष्प्रेरण पर कोई अन्य व्यक्ति भोपाल में अपराध घटित करता है तब अपराध के लिए दुष्प्रेरण के आरोपी के खिलाफ किस कोर्ट में केस चलाया जाएगा। दिल्ली कोर्ट में या भोपाल कोर्ट में। आइए पढ़ते हैं:-
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 180 की परिभाषा:-
यदि किसी व्यक्ति के दुष्प्रेरण के कारण कोई दूसरा व्यक्ति किसी अन्य स्थान पर जाकर अपराध घटित कर देता है ऐसी स्थिति में अपराध का विचारण ऐसे किसी भी न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता में दोनों में से कोई एक अपराध हुआ हो। यानी जहां पर दुष्प्रेरण करने वाला व्यक्ति मौजूद था वहां के कोर्ट अथवा जहां पर अपराध करने वाला व्यक्ति मौजूद था वहां की कोर्ट, दोनों में से किसी भी कोर्ट में केस चलाया जा सकता है।
लेकिन यदि कोई व्यक्ति किसी एक स्थान पर बैठकर किसी दूसरे स्थान पर उपस्थित व्यक्ति को अपराध करने के लिए भड़काता है/ दुष्प्रेरित करता है लेकिन दूसरा व्यक्ति अपराध घटित नहीं करता तब ऐसी स्थिति में केस की सुनवाई केवल उसी कोर्ट में हो सकती है जहां पर उकसाने वाले व्यक्ति उपस्थित था। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com