भोपाल। मध्य प्रदेश में कर्मचारियों का ट्रांसफर हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। सबसे ज्यादा विवाद शिक्षा विभाग में होते हैं। कर्मचारियों के ट्रांसफर डिपार्टमेंट की पॉलिसी और कर्मचारियों की जरूरत के हिसाब से नहीं बल्कि पॉलिटिकल सिफारिश और रिश्वत के हिसाब से होते हैं, इस बार शिक्षा विभाग में हरियाणा की ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
सभी कर्मचारियों को साल में एक बार मनचाहे ट्रांसफर का मौका देंगे: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री के साथ अनौपचारिक चर्चा के दौरान मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि चार राज्यों हरियाणा, गुजरात, तेलंगाना और राजस्थान के मॉडल का अध्ययन किया है। हरियाणा मॉडल ठीक है। जल्द ही इसी के आधार पर मप्र में ट्रांसफर पोस्टिंग तय होगी। इस पर मुख्यमंत्री ने भी साफ कर दिया कि यह तो ठीक है, लेकिन बाकी लोगों के लिए भी ट्रांसफर का साल में एक ही मौका होगा।
कमलनाथ सरकार पर लगाया था ट्रांसफर उद्योग का आरोप
15 महीने विपक्ष में रहने के दौरान शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कमलनाथ सरकार पर ट्रांसफर उद्योग चलाने का आरोप लगाया था। भाजपा नेताओं ने खुलेआम कहा था कि कमलनाथ सरकार में रिश्वत के बदले मनचाहे तबादले किए जा रहे हैं। स्वाभाविक है कि अब जबकि कांग्रेस पार्टी विपक्ष में है, बड़ी बारीकी से नजर रहेगी कि शिवराज सिंह सरकार किस तरह के तबादले कर रही है।
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