INDORE: मास्टरमाइंड साले ने जीजा की दुकान से 70 लाख का गोल्ड चुराया - MP NEWS

NEWS ROOM
इंदौर।
 मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के सराफा बाजार में 20 दिसंबर को 70 लाख का सोना चोरी हुआ था।  गुरुवार दोपहर पुलिस ने चाेरी के इस मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें से दो चोर, जबकि तीन माल खरीदने वाले हैं।       

आरोपियों ने माल चोरी कर इन्हें बेच दिया था। पूरे मामले के खुलासे के लिए सराफा पुलिस ने मुंबई के मलाड़ तक 1200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले, तब जाकर इस शातिर चोर गैंग तक पहुंचे। वारदात में इस्तेमाल कार का बदमाशों ने पहले नंबर बदला फिर इसे रेलवे स्टेशन पर खड़ा कर पैदल और रिक्शे की मदद से चोरी की और यहां से रवाना हो गए। पुलिस ने आधे शहर के कैमरे देखने के बाद लिंक मिलाई तब कही जाकर इनका रूट मिला। चोरों की मुंबई की जेल में दोस्ती हुई और फिर यहीं पर पूरा प्लान बना। एक आरोपी सराफा कारोबारी का साला निकला है।  

पुलिस के अनुसार पकड़ाए आरोपी अरशद पिता खुर्शीद अली मुंबई मूल निवासी पश्चिम बंगाल, उसका दोस्त मोहम्म सईद पिता आलाउद्दीन खान निवासी मलाड़ मुंबई मूल निवासी उत्तर प्रदेश हैं, जबकि उकना साथी जम्मू-काश्मीर निवासी इकबाल फरार है। इसके अलावा पुलिस ने तीन खरीदारों को भी गिरफ्तार कर लिया है। 20 दिसंबर को आऱोपियों ने चार दुकानों के ताले चटकाकर 70 लाख का सोना चुराया था। इसमें से दो दुकान बड़वाली चौकी के शेख नूरुद्दीन की भी थी। एक आरोपी अरशद उसी का साला है। अरशद 8 साल पहले जीजा के यहां काम करता था। फिर मुंबई चला गया। एक साल पहले उसे किसी मामले में जेल हो गई। वहां उसकी दोस्ती सईद और इकबाल से हुई। तीनों जेल में बड़ा आदमी बनने की प्लानिंग करने लगे। जब जेल से छूटे तो लॉकडाउन के कारण ज्यादा हाथ पैर नहीं मार पाए।

आखिर में अरशद ने बताया कि उसके जीजा कि इंदौर में दुकान है, वहीं दांव मारेंगे। फिर ये सईद की नीले रंग की कार का नंबर बदलकर इंदौर लाए। पहले रेलवे स्टेशन पर कार रखी। वहां से कुछ दूर पैदल और फिर रिक्शा में बैठकर सराफा आए। यहां रैकी की। बाद में फिर कार के पास गए। अगली बार कार संजय सेतु के स्टैंड पर रखी। वहां से फिर पैदल व रिक्शा में आकर चोरी की। फिर ये भाग निकले। टीआई सुनील शर्मा की टीम ने आधे शहर के प्राइवेट, ट्रैफिक व पुलिस के कैमरे खंगाले। तब बदमाशों का मुंबई जाने का रूट पता चला। यहां पुलिस ने कई टोल के कैमरे खंगाले। आखिरी टोल मुलंड का रहा। वहां से पुलिस को एक कैमरे में आरोपियों की आने और जाने की फुटेज मिली, जिसमें दोनों नंबर अलग थे। फिर पुलिस ने तकनीकी सहायता ली और आखिर आरोपियों तक पहुंच गए।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!