नई दिल्ली। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने संसद में एक प्रस्ताव रहा है कि कर्मचारियों से सप्ताह में 4 दिन काम करवाया जाए और 3 दिन अवकाश दिया जाए। ताकि वो पारिवारिक जिम्मेदारियों के बाद अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए समय निकाल सकें। हालांकि, ऐसे कर्मचारियों को प्रतिदिन 12 घंटे काम कर रहा होगा। मौजूदा कानूनों के अनुसार किसी भी श्रमिक या कर्मचारी से 24 घंटे में अधिकतम 10.5 घंटे काम लिया जा सकता है।
कार्य दिवस एवं समय के लिए श्रम मंत्रालय का संसद में प्रस्ताव
भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने संसद में एक प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत काम करने के अधिकतम घंटों को 12 घंटे करने पर विचार करने को कहा गया है। हालांकि, हफ्ते में काम करने की अधिकतम सीमा 48 घंटे ही रहेगी, वह नहीं बढ़ेगी। यानी अगर कोई कर्मचारी रोज 12 घंटे काम करता है तो वह हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करेगा और 3 दिन छुट्टी रहेगी या फिर उन्हें ओवरटाइम मिलेगा।
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेश के स्टैंडर्ड क्या हैं
अगर बात दुनिया भर की हो रही है तो इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन यानी ILO के स्टैंडर्ड के तहत इंडस्ट्रियल वर्कर्स से रोजाना 8 घंटे और हफ्ते में 48 घंटे काम लिया जा सकता है। जिन कामों में एक शिफ्ट के बाद तुरंत दूसरी शिफ्ट चलानी होती है, उनमें हफ्ते में 56 घंटे तक काम लेने की इजाजत मिली हुई है। वहीं किसी कर्मचारी से 3 हफ्तों में रोजाना औसतन 8 घंटे काम लेने की इजाजत होती है।
कार्य के घंटे बढ़ाने से कर्मचारियों को फायदा होगा: श्रम मंत्रालय
श्रम मंत्रालय के ने कहा कि यह भारत की विषम जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जहां काम पूरे दिन में बंटा हुआ होता है। इससे श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के माध्यम से अधिक कमाई करने की सुविधा मिलेगी। अधिकारी ने कहा, "हमने मसौदा नियमों में आवश्यक प्रावधान किया है ताकि आठ घंटे से अधिक काम करने वाले सभी श्रमिकों को ओवरटाइम मिल सके।"
15 मिनट भी ज्यादा काम किया तो ओवरटाइम मिलेगा
ओएसएच संहिता के मसौदा नियमों के अनुसार, किसी भी दिन ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जायेगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत 30 मिनट से कम समय की गिनती ओवरटाइम के रूप में नहीं की जाती है