भोजन में पहले रोटी खाना चाहिए फिर चावल या पहले चावल खाना चाहिए फिर रोटी, विज्ञान क्या कहता है / GK IN HINDI

एक शाकाहारी पौष्टिक भोजन की थाली में रोटी और चावल दोनों होते हैं। उत्तर भारत में लोक पहले सब्जी के साथ रोटी खाते हैं और फिर दाल-चावल जबकि दक्षिण में कुछ इलाकों में पहले चावल खाया जाता है और उसके बाद रोटी। सवाल यह है कि दोनों में से कौन सही है। भोजन में पहले क्या खाना चाहिए, रोटी या चावल। आइए समझने की कोशिश करते हैं:- 

हमारे यहां पहले चावल उसके बाद रोटी खाने की परंपरा है

मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी से रिटायर हुए राजशेखर वी पंडित (शाकाहारी भोजन में नित नए प्रयोग करने के लिए प्रख्यात) बताते हैं कि महाराष्ट्र के ब्राह्मण समुदाय मे परंपरागत रिवाज है/था। भोजन मे सर्व प्रथम चावल व सादी दाल (तुरी चे वरण) घी डाल कर परोसी जाती है, साथ मे रोटी/पूडी, अन्य सब्जियां, सलाद, चटनी, पापड, फकौडे, कोई स्वीट,नीबू इत्यादि भी होते ही हैं। चावल समाप्त होने के बाद रोटी/पूडी खाई जाती है।इसके पश्चात पुनः थोडा सा चावल दही के साथ सर्व करने की परंपरा है। 

रोटी शरीर को ताकत देती है, पहले रोटी फिर चावल खाना चाहिए

जयपुर राजस्थान की रहने वाली प्राची गुप्ता (बी टेक इंजीनियर) बताती हैं कि 1/3 कप पके हुए चावल में 80 कैलोरी, 1 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम फैट और 18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। वहीं एक 6 इंच की रोटी 71 ग्राम कैलोरी, 3 ग्राम प्रोटीन 0.4 ग्राम फैट और 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है। इसके अलावा चपाती में विटामिन A, B1, B2, B3, कैल्शियम और आयरन भी होता है। इतना ही नहीं, 1 चपाती में एक कप चावल से ज्यादा फाइबर होता है, जोकि पाचन क्रिया को दरुस्त रखता है इसलिए पहले रोटी और फिर थोड़ा सा चावल खाना चाहिए।

मुद्दे की बात: सही क्या है और गलत क्या 

यदि आप दक्षिण भारत में है तो पहले चावल खाना सही है और यदि आप उत्तर भारत के मैदानी इलाकों (राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि) में है तो पहले रोटी खाना उचित है। दरअसल मनुष्य के शरीर की आवश्यकताएं उसके आसपास मौजूद पर्यावरण पर भी निर्भर करती है। दक्षिण भारत का पर्यावरण, उत्तर भारत के पर्यावरण से अलग है। भारत के पहाड़ी इलाकों में भोजन की प्राथमिकताएं बदल जाती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पहले चावल खाते हैं या रोटी लेकिन इससे फर्क पड़ता है कि आप कितनी मात्रा में खाते हैं। यदि आप शारीरिक श्रम करते हैं तो रोटी अधिक और चावल कम खाना चाहिए। यदि आप शारीरिक श्रम नहीं करते तो रोटी की मात्रा घटा देनी चाहिए और चावल उसके बराबर। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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