जल्दबाजी में कमलनाथ के नरेंद्र सलूजा ने सिंधिया के आरोपों पर मोहर लगा दी | MP NEWS

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेते समय कमलनाथ सरकार पर जो आरोप लगाए थे, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से उसका जवाब प्रस्तुत किया जाना था परंतु जल्दबाजी में पीसीसी चीफ कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने उनके सभी आरोपों पर मोहर लगा दी।

लोकसभा चुनाव के नतीजे कमलनाथ के माथे पर कलंक, सलूजा ने सिंधिया से सवाल किया 

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री कमलनाथ के माथे पर कलंक की तरह है। प्रियंका गांधी ने भरी मीटिंग में कमलनाथ को कांग्रेसका हत्यारा कह दिया था। मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं, इनमें से कांग्रेस पार्टी केवल एक सीट जीत पाई। जिस सीट पर कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ चुनाव लड़ रहे थे और मुख्यमंत्री होने के बावजूद कमलनाथ लगातार इसी सीट पर शोकेस किए हुए थे। कमलनाथ पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे को जिताने के लिए पूरे मध्य प्रदेश की 28 सीटें गवा दी। जवाबी हमले में नरेंद्र सलूजा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से पूछा है कि वह लोकसभा चुनाव क्यों हारे। दरअसल इस समय यह सवाल पूछा ही नहीं जाना चाहिए था। 

सलूजा ने स्वीकार किया मंदसौर मामले में सरकार ने कार्रवाई अब तक नहीं की

सलूजा ने कहा कि आज भाजपा प्रवेश के दौरान सिंधिया जी 6 जून 2017 के मंदसौर गोलीकांड का जिक्र कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस सरकार में इनके दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिली तो वह यह सच्चाई जान लें कि मंदसौर गोलीकांड के दोषियों को कांग्रेस सरकार हर हाल में सजा दिलवायेगी। 
इस प्रकार सलूजा ने स्वीकार कर लिया कि अब तक सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की है। जैसा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आरोप लगाया है। 

सलूजा ने माना 10 दिन में किसानों की कर्ज माफी नहीं हुई 

नरेंद्र सलूजा ने बयान दिया है कि सिंधिया जी किसान कर्ज माफी को लेकर भी झूठ परोस रहे हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि पहले चरण में 20 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है और दूसरे चरण में 7 लाख किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह सलूजा ने खुद स्वीकार कर लिया कि चुनाव में 10 दिन के भीतर किसानों की कर्ज माफी का जो वादा किया गया था वह अब तक पूरा नहीं हुआ। 

बेरोजगारी भत्ते का आरोप भी स्वीकार कर लिया 

नरेंद्र सलूजा ने बयान जारी करके कुछ घाव हरे कर दिए हैं। सलूजा ने कहा कि जिस बेरोजगारी भत्ते का वह (ज्योतिरादित्य सिंधिया) जिक्र कर रहे हैं वह हमारे वचन पत्र का वादा है। सरकार को अभी मात्र 14 माह हुए हैं, 5 वर्ष की अवधि के दौरान हम अपने वचन पत्र के हर वादे को पूरा करेंगे। 
सवाल यह है कि बेरोजगारी भत्ते का आदेश का पांचवे साल में दिया जाएगा। जबकि चुनावी सभाओं में तो कहा गया था कि 3 महीने की सभी वचन पूरे कर दिए जाएंगे। 

इस्तीफा दे चुके सिंधिया से सलूजा ने पूछा कि अब तक क्यों नहीं दिया 

नरेंद्र सलूजा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बेतुका सवाल किया है। सलूजा ने बताया कि सिंधिया जी कांग्रेस सरकार पर ट्रांसफर-भ्रष्टाचार व रेत माफिया को लेकर आरोप लगा रहे हैं। जबकि सरकार में तो खुद उनके 6 समर्थक मंत्री थे। यदि इस सरकार में इस तरह की गतिविधियां चल रही थी तो उन्होंने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया था? 
नरेंद्र सलूजा बयान देते समय शायद भूल गए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 14 महीने में इस्तीफा दिया है 54 वें महीने में नहीं।

जल्दबाजी में बयान जारी कर दिया, बात कुछ और करनी चाहिए थी 

दरअसल नरेंद्र सलूजा ने जल्दबाजी में बयान जारी कर दिया है। एक ऐसा बयान जो कांग्रेस के लिए और खासकर कमलनाथ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल इस तरह point-to-point जवाब देना ही नहीं चाहिए था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद एक डिप्लोमेटिक स्टेटमेंट जारी होना चाहिए था। कुछ ऐसा जिसमें सिंधिया को घेरा जा सके। कुछ ऐसा जिसमें सिंधिया पर सवाल उठाए जा सकें और लोग भरोसा कर ले।

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