भोपाल। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में संघ के सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि नियमितीकरण एवं स्थायित्व की मांग को लेकर पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अगर मालवा में उज्जैन संभाग के संभाग संयोजक सुरेश पगारिया के नेतृत्व में तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथिविद्वानों ने भी मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी को ज्ञापन देकर नियमितीकरण की मांग की। इस अवसर पर अन्य अतिथि व्याख्याता भी उपस्थित थे।
पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वानों की ओर कार्यरत व्याख्याताओं के नियमितीकरण के लिए निम्न मांगो को लेकर ज्ञापन दिया
1. म.प्र. शासन के शास/स्वशासी/अनुदान प्राप्त/महिला पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में एक अलग कैडर अथवा एक ऐसी नीति बनाई जावे जिससे सभी अतिथि विद्वानो का नियमितीकरण संभव हो सके।
2. वर्तमान में कार्यरत अधिकतम तकनीकी अतिथि विद्वान शासकीय सेवा की अधिकतम उम्र सीमा को पार कर चुके है। जिसमे से अधिकांश न्यूनतम योग्यता से भी ज्यादा एम.टेक, पीएच.डी के साथ अंर्राष्ट्रीय शोध पत्र इत्यादि योग्यताधारी है, अतः वर्तमान में कार्यरत सभी अतिथि विद्वानो का नियमितीकरण किया जावे।
3. वर्तमान कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी वचन पत्र में महाविद्यालयीन अतिथियों को नियमति करने का कहा है।
4. पूर्व में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 1986-87 में राज्य शासन के निर्णय से अंशकालीन(तदर्थं)अतिथियों को विधानसभा सभा मे विशेष अधिनियम पास कर नियमित एवं 1994, 2003, 05, 07 में मानवीय आधार पर नियमित किया गया है।
5. उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के लिए बनाई जाने वाले नियमितीकरण/ स्थायित्व नीति अथवा जारी आदेश को तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिए लागू किया जावे।
6. वर्तमान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिये (रु 400 प्रति अधिकतम 3 कालखंड) व्यवस्था को समाप्त कर, उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के समान एकमुश्त न्यूनतम वेतनमान रुपये 30000 प्रतिमाह दिया जावे।