खाद्यनिरीक्षक राजकुमार रिश्वतखोर प्रमाणित, 3 साल की सजा | MP NEWS

रामबिहारी पाण्डेय ,सीधी। अमानक खाद्य सामग्री बेचने का अपराधी नही बनाने के बदले 15 हजार की रिश्वत लेने का आरोपी खाद्य निरीक्षक व रिश्वत लेने गये सहयोगी को अदालत ने दोषी पाया है एवं तीन तीन साल के कठोर करावास व पांच पांच हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। 

आठ साल पूर्व खाद्य विभाग मे निरीक्षक के पद पर पदस्थ रहे आरोपी राजकुमार शुक्ल पिता एलके शुक्ला ने 4 अक्टूवर 2012 को मनीष कुमार गुप्ता की दुकान मे छापामारी किये थे। लोकायुक्त पुलिस से लिखित शिकायत फरियादी मनीष कुमार गुप्ता के द्वारा किया गया जिसमें फरियादी ने बताया कि सीधी के लालता चैक में उसकी किराना एवं ड्राय फ्रूट की दुकान मंकू ड्राय फ्रूट के नाम से है। जहां खाद्य निरीक्षक 4 अक्टूबर 12 को उसके उक्त दुकान में दोपहर में आकर बेसन का सेंपल लेकर कार्यवाही करते हुए हस्ताक्षर करवाया और ऐसा न करने पर 15000 रू की मांग की जा रही है। 

लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच कराने के बाद 9 अक्टूबर 12 को आरोपी को पकड़ने की योजना बनाई शिकायतकर्ता को निरीक्षक की मांग की पूर्ति करने के लिये पैसे लेकर भेजा तो आरोपी ने अपने सहयोगी आरोपी जितेन्द्र मरकाम को पैसे लेने भेज दिया। जैसे ही जितेन्द्र मरकाम पैसे लेने पहुंचा तो पुलिस अधीक्षक रीवा के निर्देशन मे आरोपी को पकड़ने सादी बर्दी मे तैनात लोकायुक्त निरीक्षक विपिन सिंह निरीक्षक आशुतोष पाण्डेय आरण् शेष प्रताप सिंह आर चंद्रशेखर सिंह ने अभियुक्तगण को 15000 रू की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। 

लोकायुक्त पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिससे संबंधित अपराध क्र 208/12 एवं विशेष सत्र प्रकरण क्र 01/13 में श्रीमती भारती शर्मा जिला अभियोजन अधिकारी के कुशल निर्देशन में प्रशांत कुमार पाण्डेय सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के मौखिक अंतिक तर्क के परिणामस्वरूप आरोपीगण राजकुमार शुक्ला एवं जितेन्द्र मड़काम को दोषी प्रमाणित कराया गया। 

उक्त प्रकरण में दिनांक 29/02/2020 को विशेष न्यायालय यभ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सीधी द्वारा निर्णय पारित कर आरोपीगण राजकुमार शुक्ला एवं जितेन्द्र मरकाम को धारा 7 ए धारा 13 य1 य डी सहपठित धारा 13य2 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं धारा 120 बी के अंतर्गत आरोपीगण को 03.03 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 5000.5000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया।

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