भोपाल। कमलनाथ सरकार की कैबिनेट मंत्री एवं मंदसौर जिले के प्रभारी मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा के खिलाफ मध्य प्रदेश के दिव्यांगजन लामबंद होने लगे हैं। मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा दिव्यांग जनों को उन आपत्तिजनक शब्दों से संबोधित किया है जिसे दिव्यांगजन अधिकार कानून के तहत प्रतिबंधित किया गया है।
नीमच जिले के आदर्श दिव्यांग संघ के जिलाध्यक्ष गोपालदास बैरागी ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि प्रभारी मंत्री जी आप एक संवैधानिक पद पर हो और शारीरिक रूप से दिव्यांग तो ताजीवन शारीरिक रूप से दिव्यांग ही रहेगा। पर मानसिक रूप से दिवालिया पन हम दिव्यांगों में नही है। देश का हर दिव्यांग जो शारीरिक रूप से अक्षम है वो दुनिया के समक्ष है पर मानसिक रूप से दिव्यांगता का प्रमाण पत्र की आवश्यकता किसको है।
और ज्ञात हो की सत्ता के नशे में इतना मदमस्त होकर यह झूठा बखान भी मत कीजिये की दिव्यांगों को 1 हजार कर दिए। आज दिनांक तक दिव्यांगजन को महज 600 रूपये पेंशन ही मिल रही है।
प्रभारी मंत्री ने दिव्यांगों की भावनाओ को मंच के माध्यम से सार्वजनिक रूप से आहत किया है। जिसको लेकर नीमच जिले का हर एक दिव्यांगजन इस बोखलाहट की भर्त्सना व कड़ी निंदा करता है और जिले के आदर्श दिव्यांग संघ के आह्वान पर जिले के दिव्यांगजन द्वारा मजबूरन प्रभारी मंत्री के विरोध में नीमच जिले के हर एक दिव्यांगजन द्वारा जिला स्तर पर उपस्थित होकर विरोध प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जायेगा और मांग की जाती है कि प्रभारी मंत्री मिडिया के समक्ष सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे अन्यथा समस्त दिव्यांग सड़क पर उतरकर विरोध करने हेतु बाध्य होंगे। साथ ही जब भी नीमच में प्रभारी मंत्री का आगमन होगा उस दिन जिले के दिव्यांगजन द्वारा उपस्थित होकर प्रभारी मंत्री का पुरजोर विरोध किया जायेगा। और विरोध प्रदर्शन के दौरान दिव्यांगों के साथ अगर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटती है तो उसके जिम्मेदार भी प्रभारी मंत्री होंगे।