जबलपुर। जबलपुर के कथित नटवरलाल संदीप अर्गल ने एक बार फिर पुलिस को चकमा दे दिया। पहले से दर्ज मामलों में जेल में बंद संदीप अर्गल के खिलाफ ओमती थाने में एक और FIR दर्ज की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर रही थी और वहां संदीप अर्गल कोर्ट से पुराने मामले में जमानत लेकर फरार हो गया।
कैंट पुलिस ने करीब 50 लाख की धोखाधड़ी के प्रकरण में जालसाज संदीप अर्गल को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा था। जिसमें उसे जमानत मिल गई थी। दो दिन पूर्व ओमती पुलिस ने एक शिशु रोग विशेषज्ञ की शिकायत पर संदीप के खिलाफ धोखाधड़ी दर्ज की लेकिन उसमें भी संदीप और डॉक्टर के बीच समझौता होने के कारण उसे जमानत का लाभ मिल गया। सोमवार को जमानत की प्रक्रिया के दौरान ओमती पुलिस संदीप के खिलाफ लाखों की धोखाधड़ी की एक अन्य एफआईआर दर्ज कर रही थी। इस दौरान संदीप जेल की सलाखों से बाहर आने के बाद पुलिस से बच निकला। पुलिस चाहती तो उसे जेल से निकलते ही गिरफ्तार कर सकती थी परंतु पुलिस ने ऐसा नहीं किया।
इस बार 2100000 की धोखाधड़ी का मामला दर्ज
ओमती थाना प्रभारी एसपीएस बघेल ने बताया कि गिरनार अपार्टमेंट निवासी अयाज खान (37) ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक अयाज के पिता शासकीय सेवा में थे, जिनकी सेवानिवृत्ति के बाद मिली फंड की रकम संदीप अर्गल ने अपने व्यापार के लिए मांगी थी। 5 जून 2015 को अयाज ने पिता से 21 लाख रुपए लेकर कटंगा क्रासिंग निवासी संदीप अर्गल को इस शर्त पर दिए थे कि वह दिसंबर 2019 तक रकम वापस कर देगा। निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद संदीप रकम वापसी के लिए आनाकानी करने लगा। उसके बाद रकम लौटाने की बात पर वह गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देने लगा। अब हालत यह है कि संदीप ने अयाज व उसके स्वजन का फोन उठाना बंद कर दिया।
किसी और की प्रापर्टी के दस्तावेज दिए
शिकायतकर्ता ने बताया कि संदीप अर्गल ने रकम लेते समय धरोहर के तौर पर जिस प्रापर्टी के दस्तावेज दिए थे, उनकी जांच कराने पर पता चला कि वे किसी और के हैं। किसी और के दस्तोवज की मूल प्रति देकर संदीप ने 21 लाख रुपए हड़प लिए। पुलिस ने धारा 420, 406 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। आरोपित की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी। इधर, ओमती थाना प्रभारी बघेल ने बताया कि आरोपित की तलाश की जा रही है।