महिला शिक्षकों को CCL के अब DEO की परमिशन की जरूरत नहीं

भोपाल। अब सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाओं को चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अब सीसीएल के लिए प्राचार्य अधिकृत होंगे। इस संबंध में जिले के डीईओ ने आदेश जारी कर दिए हैं। डीईओ ने सभी स्कूलों के संकुल प्राचार्यों को जिम्मेदारी दे दी है।

अब प्राचार्य अपने स्कूलों की उपलब्धता को देखते हुए शिक्षिकाओं की सीसीएल स्वीकृत करेंगे। डीईओ ने आदेश में यह भी लिखा है कि अगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई तो इसके लिए प्राचार्य ही जिम्मेदार होंगे। डीईओ के पास करीब 200 आवेदन पेंडिंग हैं।

इसमें हर रोज करीब 10 से 15 आवेदन जिले भर से आते हैं। भोपाल जिले में 1223 प्राइमरी, माध्यमिक, हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षक हैं। इसमें करीब 7 हजार शिक्षिकाएं पदस्थ हैं। ज्ञात हो कि सभी शासकीय विभागों में 18 वर्ष होने तक बच्चे की देखभाल या पढ़ाई के लिए महिलाएं अधिकतम 730 दिनों तक की सीसीएल ले सकती हैं।

सीसीएल लैप्स न हो इसलिए आवेदनों की भरमार

हर रोज डीईओ कार्यालय में करीब 15 आवेदन सीसीएल के आ रहे हैं। इसमें छोटे बच्चों की शिक्षिकाओं के आवेदन कम आ रहे हैं, बड़े बच्चों के ज्यादा आ रहे हैं। दरअसल, महिला शिक्षिकाओं को मिलने वाली दो साल की सीसीएल लैप्स न हो जाए, इसलिए जिनके बच्चे 16 से 18 साल के बीच में हैं। उनके आवेदनों की कतार लगी है।

इनका कहना है
प्राचार्य ठीक तरह से समझ सकते हैं कि उनके स्कूल में शिक्षकों के न होने से पढ़ाई प्रभावित होगी या नहीं, इसलिए अब शिक्षिकाओं को सीसीएल देने के लिए प्राचार्य अधिकृत होंगे।
नितिन सक्सेना, डीईओ, भोपाल

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !