भोपाल। अतिथिविद्वानो की मांगें पूर्णतः जायज़ है। वे पिछले कई वर्षों से प्रदेश की उच्च शिक्षा की सेवा करते आये हैं। इस दौरान उनकी युवावस्था के बहुमूल्य वर्ष अध्यापन करते हुए बीत गए तथा कई अतिथिविद्वानों इस दौरान ओवर ऐज हो चुके है। ऐसी स्थिति में उनके भविष्य की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। यह जिम्मेदारी और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने अपने वचनपत्र में अतिथिविद्वानों को नियमित करने का वचन भी दिया है।
हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ वचन पत्र एवं अतिथिविद्वानों की मुद्दें पर गंभीर हैं, इसलिये आशा है कि जल्द अतिथिविद्वानों के नियमितीकरण का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा। यदि ऐसा नही होता है तो जयस स्वयं इस आंदोलन में अतिथिविद्वानो के साथ बैठेगा। उक्त बातें मनावर के युवा विधायक व जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ हीरालाल अलावा ने शाहजहानी पार्क भोपाल में चल रहे अतिथिविद्वानों के आंदोलन में कहीं।
विदित हो कि विधायक अलावा अतिथिविद्वानों के आंदोलन में शामिल होने व जयस का समर्थं देने अतिथिविद्वानों से भेंट करने शाहजहांनी पार्क आये हुए थे। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि लगातार 40 दिनों से चल रहा अतिथिविद्वानों का आंदोलन कई मायनों में ऐतिहासिक आंदोलन बन चुका है। इसके पूर्व इतनी लंबी अवधि तक कभी आंदोलन नही चलाया गया था।
नियमितीकरण को चॉइस फिलिंग के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली का कहना है कि हमारी सरकार से केवल एक मांग है, वचनपत्र अनुसार अतिथिविद्वानों का नियमितीकरण। हमारे आंदोलन का एकमात्र लक्ष्य भी नियमितीकरण ही है। किन्तु मंत्री जीतू पटवारी जी के हालिया बयान से यह लग रहा है कि वे अतिथिविद्वानों की चॉइस फिलिंग को ही नियमितीकरण मान के चल रहे है। मंत्रीजी के हालिया बयानों पर नज़र डाली जाए तो स्पष्ठ होता है कि जब कभी नियमितीकरण की बात की जाती है मंत्रीजी आयोग के ऊपर ज़िम्मेदारी डाल कर बच जाना चाहते है।
यही विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान भी हुआ जब नेता प्रतिपक्ष ने अतिथिविद्वानों के नियमितिकरण के संबंध मे जानना चाहा तथा मंत्री जीतू पटवारी जी ने 25 तारीख तक प्रक्रिया पूरी हो जाने की बात कही। यहां महत्वपूर्ण है मंत्रीजी द्वारा 25 तक चॉइस फिलिंग प्रक्रिया पूर्ण करने की बात कही गयी,जबकि गोपाल भार्गव द्वारा नियमितीकरण के संबंध में बात की जा रही थी। इससे स्पष्ठ है कि इस संबंध में गोल मोल जवाब दिया जा रहा है। डॉ मंसूर अली ने आगे कहा कि हम स्पष्ठ कर देना चाहते है कि चॉइस फिलिंग को नियमितीकरण की प्रक्रिया से जोड़ कर न देखा जाये। जबकि चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया का अतिथिविद्वानों ने विरोध किया है। अतिथिविद्वानों के नियमितीकरण का प्रस्ताव सीधे कैबिनेट से पास कराया जाकर अथवा विधानसभा में अध्यादेश लाकर पूरा किया जा सकता है, किन्तु मंत्रीजी पता नही क्यों नियमितीकरण की सीधी प्रक्रिया को आयोग के मकड़जाल की ओर भेजना चाहते है।
अतिथिविद्वानों के आंदोलन को अपार जनसमर्थन का सिलसिला जारी
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार अतिथिविद्वानों का हालिया आंदोलन धीरे-धीरे एक जन आन्दोलन का रूप लेता जा रहा है। इस आंदोलन को अब तक लगभग तीन दर्जन से अधिक राजनैतिक व सामाजिक संस्थाओं ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है। यही नही सत्ता पक्ष से कई जनप्रतिनिधि अतिथिविद्वानों के इस आंदोलन को अपना समर्थंन देने शाहजहानी पार्क पहुच चुके है। इसके अलावा विपक्षी दल भाजपा से भी कई नेता अतिथिविद्वानो का हाल चाल जानने शाहजहानी पार्क पहुँच चुके है। जबकी अतिथिविद्वानों को अब तक मुख्यमंत्रीजी के आशीर्वाद व उनके शाहजहांनी पार्क आने का इंतज़ार है। इसी कड़ी में जयस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने अतिथिविद्वानों को आंदोलन में अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
40 दिन से लगातार जारी है आंदोलन
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान व डॉ आशीष पांडेय के अनुसार अतिथिविद्वानों का आंदोलन लगातार चलते हुए अपने 40 दिन पूर्ण कर चुका है। इस दौरान अतिथिविद्वानों ने कड़ाके की ठंड, बारिश, बीमारियांऔर महिलाओं तथा बच्चों की परेशानियाँ झेली है। किन्तु अतिथिविद्वान नियमितीकरण की मांग के साथ लगातार मोर्चे पर डटे हुए है। तथा जब तक नियमितिकरण कि प्रक्रिया आरंभ नही की जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।