भोपाल। कमलनाथ सरकार के एक वर्ष के शासन के दौरान प्रदेश में नौकरशाही बेहद हावी दिख रही है। सरकार पर नौकरशाही के असर का आलम यह है कि जनहित के कई लोकप्रिय मुद्दे इस समय पीछे रह जा रहे है, व जितनी लोकप्रियता सरकार को इस दौरान हासिल करनी चाहिए थी, सरकार उससे कई मायनों में पीछे है। यहां तक कि कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र की राह में सबसे बड़ी बाधा भी नौकरशाही बनी हुई है। यह बातें शाहजहांनी पार्क भोपाल में चल रहे प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत अतिथिविद्वानों के 40 दिनों से चल रहे आंदोलन व धरना के कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गौरी सिंह यादव ने कही।
श्री यादव ने यह बातें उस समय कही है जब अतिथिविद्वानों के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ सरकार चौतरफा घिरती हुई नजर आ रही है। सपा प्रदेशाध्यक्ष का यह बयान इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि समाजवादी पार्टी अल्पमत की कांग्रेस सरकार को सत्ता चलाने में सरकार से बाहर रहकर समर्थं दे रही है। बिजावर से सपा विधायक राजेश शुक्ला कांग्रेस पार्टी के समर्थंन में है। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि जब कांग्रेस सरकार से स्वयं सरकार के घटक दल ही प्रसन्न नही है तो फिर आम जनता किस प्रकार कांग्रेस राज में अपने आप को सुरक्षित मानेगी, तथा किस प्रकार से कमलनाथ सरकार की कार्यप्रणाली संतोषजनक मानी जा सकती है। इस विषय पर प्रकाश डालते हुए संयोजक डॉ सुरजीत भदौरिया ने आगे कहा कि सरकार अतिथिविद्वानो के मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक संज्ञान नही ले रही है।
जब कांग्रेस पार्टी स्वयं अपने वचनपत्र के प्रति ईमानदार नही दिख रही है फिर प्रदेश की जनता किस प्रकार आगे आने वाले चार वर्षों में सरकार से कोई उम्मीद करेगी। यह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार कैसे चुनाव के समय किये अपने वादों को भूल जाती है।
अतिथिविद्वानों को समर्थन देने कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह व ओपीएस भदौरिया पहुँचे धरनास्थल
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार सरकार में अतिथिविद्वानों का समर्थं बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में अतिथिविद्वानों के आंदोलन को अपना समर्थंन देने चाचौड़ा के कांग्रेस विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह तथा भिंड के मेहगांव से विधायक ओपीएस भदौरिया शाहजहांनी पार्क भोपाल पहुँचे। लक्षमण सिंह ने अतिथिविद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि जल्द मैं महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्रीजी से अतिथिविद्वानों को मिलने का समय दिलवाऊंगा व प्रमुखता से अतिथिविद्वानो में नियमितीकरण का मुद्दा सरकार के समक्ष रखूंगा। वही विधायक ओपीएस भदौरिया ने कहा कि अतिथिविद्वानों की मांगें न्यायसंगत है। यदि मैं उच्च शिक्षा मंत्री होता तो पहली फ़ाइल जिस पर मैं हस्ताक्षर करता वह अतिथिविद्वानो के नियमितीकरण की होती।
डॉ मंसूर अली ने आगे कहा कि सरकार व नौकरशाही ने जानबूझकर नियमितीकरण के मुद्दे को कर्मचारी आयोग व विभिन्न समितियों में ले जाकर उलझा दिया है। जबकि अतिथिविद्वानों का नियमितीकरण कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर अथवा विधानसभा में अध्यादेश के माध्यम से कम समय मे ही आसानी से सुलझाया जा सकता था। किन्तु सरकार ने वह मौका खो दिया है।
विधानसभा के विशेष सत्र में उठा अतिथिविद्वानों का मुद्दा
मध्यप्रदेश में दिनों सुर्खियां बटोर रहा शाहजहांनी पार्क भोपाल का अतिथिविद्वानों का आंदोलन एक बार फिर चर्चाओं में है। कारण है विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान सदन में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के बीच अतिथिविद्वानो के मुद्दे पर तीखी नोक झोंक हुई। यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी पर अतिथिविद्वानो के मुद्दे पर गोल मोल जवाब देने का आरोप लगाते हुए अपनी पार्टी के विधायकों के साथ सदन से वाक आउट किया। इस संबंध में बोलते हुए अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान ने कहा है कि सरकार अतिथिविद्वानों की जायज़ मांगे सुनने को तैयार नही है, जबकि हम केवल सरकार से वचनपत्र के अनुसार नियमित करने की मांग करते आ रहे है। धरनास्थल पर आंदोलन का प्रबंधन संभाल रहे मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पाण्डेय ने कहा है कि अतिथिविद्वानो के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार स्वयं अपने वचनपत्र का पालन कर पाने में अब तक असफल रही है। इस मुद्दे पर सरकार की चारो तरफ आलोचना हो रही है। जबकि उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी केवल गोल मोल जवाब दे रहे है।