अंतत: अतिथि विद्वानों से मिलने आ ही गए मंत्री जीतू पटवारी| MP NEWS

भोपाल। अतिथिविद्वानों के हित में जो कुछ संभव होगा, वे सभी कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने अगर वचन दिया है तो वह हर हाल में पूरा किया जाएगा। उक्त उद्गार सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अतिथिविद्वानों के आंदोलन एवं धरना स्थल शाहजहानी पार्क भोपाल पहुँच कर व्यक्त किये। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पिछले दो दशकों से अध्यापनरत अतिथिविद्वान पिछले 11 दिसंबर से भोपाल स्थित शाहजहानी पार्क में आंदोलनरत हैं। वे कमलनाथ सरकार से अपने नियमितीकरण का वचन पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। 

इस दौरान आज पहली बार, लंबे इंतज़ार के बाद मंत्री जीतू पटवारी धरनास्थल पहुँचे और अतिथिविद्वानों को सबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि मैं यहां मंत्री की हैसियत से नही बल्कि एक बड़े भाई की हैसियत से आया हूँ। और मेरी बड़े भाई के रूप में आप सब को सलाह है कि आप यह आंदोलन जल्दी समाप्त कर दें। मैं वादा करता हूँ कि किसी भी अतिथिविद्वान साथी की नौकरी नही जाने दूंगा। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है कि मंत्रीजी के आश्वासन से अब काम नही चलने वाला है। विभागीय मुखिया होने के नाते हम इनकी भावनाओं का सम्मान करते है, किन्तु हज़ारों अतिथिविद्वानो को कालेजों से फालेन आउट करके बाहर कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में केवल मौखिक बातें कोई मायने नही रखती हैं। मंत्रीजी को चाहिए कि वे अविलंब ऐसा आदेश उच्च शिक्षा विभाग से निकलवायें की कोई भी अतिथिविद्वानों नई नियुक्तियों से प्रभावित नही होगा, एवं उनका समायोजन उच्च शिक्षा विभाग में किया जाएगा तथा नियमितीकरण की नीति जल्द बनाई जाएगी।

हमने सुझाये हैं नियमितीकरण के कई उपाय

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली का कहना है कि हमने सरकार को नियमितीकरण की नीति ड्राफ्ट करने हेतु कई सुझाव दिए है। इसमे दूसरे प्रदेशों में अपनाए गई नियमितीकरण की नीतियां भी शामिल है। इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण आदेशों की कॉपी भी उपलब्ध करवाई है, जो हमारे नियमितीकरण किम्प्रक्रिया में मार्गदर्शक एवं सहायक हो सकते है। डॉ मंसूर अली का कहना है कि हमने लगभग सभी महत्वपूर्ण अभिलेख उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रीजी एवं पार्टी  विधायको को उपलब्ध करवा दिए है। ज़रूरत है तो बस मज़बूत इच्छाशक्ति की। यदि सरकार चाहे तो हमारे नियमितीकरण का रास्ता आसानी से निकल सकता है।  और इस तरह सरकार का एक महत्वपूर्ण वचन भी पूरा हो जाएगा।

आंदोलन 20वें दिन की ओर अग्रसर
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान एवं डॉ आशीष पांडेय के अनुसार अतिथिविद्वानों का आंदोलन अपने 20वें दिन की ओर अग्रसर है। इस दौरान हमने शांतिपूर्ण तरीके से एक शिक्षक की गरिमा के अनुकूल और संवैधानिक दायरे में रहकर आंदोलन चलाया है  हमने सरकार से केवल एक मांग की है और वो है- नियमितीकरण। इससे कम कुछ भी स्वीकार नही होगा। इंतज़ार अब केवल मुख्यमंत्रीजी का है कि वे हमारे आंदोलन को नियमितीकरण की नीति लागू करके समाप्त करवाय।

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