इंदौर। समय पर डायबिटीज (Diabetes) की रोकथाम नहीं की जाए तो इसका आंखों पर गहरा प्रभाव होता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार अंधत्व होने के कारणों में डायबिटिक रेटिनोपैथी 20 प्रतिशत है। चीन के बाद भारत डायबिटीज में दूसरे नंबर पर है।
हर छह माह में आंखों की जांच कराएं
डायबिटीज के मरीजों को हर छह माह में आंखों की जांच करानी चाहिए। लाइफ स्टाइल के कारण टाइप टू डायबिटीज (Type two diabetes) के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। 40 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को रेटिना की जांच करानी चाहिए, जिससे भविष्य में होने वाले अंधत्व को रोका जा सके। चोइथराम नेत्रालय (Choithram Nethralaya) में आयोजित राष्ट्रीय दृष्टि दोष विशेषज्ञ सम्मेलन में यह बात एलवी प्रसाद आई हॉस्पिटल हैदराबाद में रेटिना विभाग की प्रमुख डॉ. पद्मजा रानी ने कही थी। इंदौर डिविजनल आप्टोमेट्री वेलफेयर एसोसिएशन और आप्टोमेट्री काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से यह दो दिवसीय आयोजन कराया गया था।
चोइथराम अस्पताल (Choithram Hospital) के मैनेजिंग ट्रस्टी अश्विनी वर्मा ने कहा कि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज होता है, उन्हें वर्ष में एक बार आंखों की जांच करवाना आवश्यक होता है। कार्यक्रम के दौरान एसोसिएशन अध्यक्ष शैलेंद्र वैष्णव, सचिव धर्मेंद्र आनिया व अन्य सदस्य मौजूद थे।