भोपाल। भोपाल शहर की हवा भी देश के सबसे प्रदूषित शहरों जैसी ही है और भोपाल में वायु प्रदूषण मुख्य कारण सड़कों का खराब होना है। वायु प्रदूषण को ठीक करने भारत सरकार द्वारा भोपाल शहर कंसशेनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल कर एक एक्शन प्लान बनाया गया है। आज राज्य विधानसभा में नरेला विधायक विश्वास सारंग के प्रश्न के जवाब में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने यह जानकारी दी है।
विधानसभा में मंत्री ने स्वीकार किया: भोपाल शहर देश के प्रदूषित शहरों की सूची में
विश्वास सारंग के इस प्रश्न कि क्या भोपाल शहर देश का 11वां सबसे प्रदूषित शहर है? यदि हां, तो प्रश्न दिनांक को भोपाल का एम्बिएंट एयर क्वालिटी इंडेक्स कितना है? के जवाब में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि यह सत्य है कि भोपाल शहर परिवेशीय वायु गुणवत्ता के परिप्रेक्ष्य में देश के प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल है। प्रश्न दिनांक 28.11.2019 को भोपाल शहर का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 221.20 रहा है।
विश्वास सारंग के इस सवाल पर कि भोपाल शहर के हमीदिया रोड, गांधी मेडिकल कॉलेज के सामने, बैरागढ़, रोशनपुरा चैराहा, मुख्य रेल्वे स्टेशन, बोर्ड ऑफिस चैराहा तथा गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 1 नवम्बर 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रातः, दोपहर और शाम को वायु प्रदूषण कितना-कितना था? के जवाब में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि भोपाल शहर के 07 स्थलों में से सिर्फ 03 स्थलों क्रमशः हमीदिया रोड, बैरागढ़, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन के तहत् मेन्यूअल किया जाता है। शेष 04 स्थलों क्रमशः गांधी मेडिकल कॉलेज के सामने, रोशनपुरा चैराहा, मुख्य रेल्वे स्टेशन एवं बोर्ड आफिस चैराहा में बोर्ड द्वारा परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन नहीं किया जाता है।
लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि भोपाल में वायु प्रदूषण के मुख्य कारक सड़कों का खराब होना, वाहनों से उत्सर्जन, 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का संचालन होना, ट्राफिक जाम की स्थिति, पार्किंग की अपर्याप्त व्यवस्था, शहर के आसपास स्थित कृषि क्षेत्र में पराली जलाना, शहरी कचरे/प्लास्टिक/बागवानी कचरा/बायोमास को खुले में जलाया जाना, रोड इत्यादि की सफाई झाडू द्वारा मानव श्रम से किया जाना, मल्टीस्टोरी भवन निर्माण कार्यों में ग्रीन नेट का उपयोग न करना, शहर में सड़कों के निर्माण में धूल को रोकने हेतु अपर्याप्त जल छिड़काव करना एवं बेरीकेटिंग वाल की व्यवस्था न होना, निर्माण सामग्री का अव्यवस्थित रूप से सड़कों के किनारे एकत्रित करना, वृक्षों की कटाई इत्यादि हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा भोपाल शहर कंसशेनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल कर एक एक्शन प्लान बनाया गया है, जिस पर कार्यवाही प्रगति पर है। एक्शन प्लान की मानिटरिंग संभागायुक्त भोपाल की अध्यक्षता में गठित मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा की जा रही है। संभागायुक्त भोपाल द्वारा दिनांक 18.11.2019 बैठक कर संबंधित विभागों को दिशा निर्देश जारी किये हैं।