18 महीने तक भगवान भरोसे रहेगा भोपाल, PCB ने प्राइवेट कंपनी को बुलाया | BHOPAL NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सीमा पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप से जहरीली हवा शहर में प्रवेश कर रही है। भोपाल का प्रदूषण लेवल लगातार बढ़ता जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार हालात चिंताजनक परंतु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बनाया गया प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हालात पर तुरंत काबू पाने में नाकाम साबित हुआ। पोलूशन कंट्रोल बोर्ड ने एक प्राइवेट कंपनी को यह पता लगाने के लिए नियुक्त कर दिया है कि भोपाल में प्रदूषण क्यों पड़ रहा है। कंपनी 18 महीने तक अध्ययन करेगी और बताइए कि प्रदूषण बढ़ने का कारण क्या है। तब तक भोपाल शहर भगवान भरोसे रहेगा।

बता दें कि इन दिनों कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश में और खासकर राजधानी भोपाल में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चला रही है। बीते रोज स्वास्थ्य मंत्री ने 20000 लोगों के साथ दौड़ लगाई लेकिन यह दौड़ किसी काम की साबित नहीं हुई क्योंकि किसी दिन सांची दूध में यूरिया की मिलावट की खबर भी आई है और हवा में कारखानों के जहरीले दुबे की मिलावट लगातार जारी है। शुद्ध के लिए युद्ध सफेद इवेंट बनकर रह गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सबसे पहले कुछ कंपनियों को बचाने की कोशिश की उसके बाद जब प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ तो पुणे की ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) को नियुक्त कर दिया गया। 

शुद्ध हवा के लिए युद्ध या कारखाना संचालकों के लिए मोहलत 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किया गया है। बावजूद इसके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा। मध्य प्रदेश का पोलूशन कंट्रोल बोर्ड ना केवल शुद्ध हवा के लिए कारखानों की जहरीले हवा से युद्ध लड़ने में नाकाम रहा बल्कि पुणे की कंपनी से अनुबंध करके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक प्रकार से जहरीली हवा छोड़ने वाले कारखाना के संचालकों को 18 महीने की मोहलत दे दी है। 

भोपाल में क्या करेगी ARAI 

पुणे की कंपनी भोपाल की हवा का अध्ययन करेगी। कंपनी के विशेषज्ञ 18 महीने तक भोपाल में रहेंगे। इस दौरान वह सभी मौसम और सभी परिस्थितियों का अध्ययन करेंगे और उसके बाद एक रिपोर्ट सौंपेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सरकार को सुझाव दिया कि शुद्ध हवा के लिए क्या रणनीति तैयार करनी है। सरकार पोलूशन कंट्रोल बोर्ड के एक्शन प्लान की समीक्षा करेंगे वित्त विभाग से पूछा जाएगा कि सरकारी खजाने में कितना पैसा है, क्या एक्शन प्लान का खर्चा उठाया जा सकता है। कुल मिलाकर एक लंबी प्रक्रिया है जो कमलनाथ सरकार पूरे कार्यकाल तक चलती रहेगी। भोपाल शहर को जनवरी 2020 में शुद्ध हवा देने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास कोई प्लान नहीं है। 
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