15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, 14 की रात्रि में सूर्य उत्तरायण होंगे | RELIGIOUS NEWS

भोपाल। मकर संक्रांति का पर्व जनवरी महीने के चौदहवें या पंद्रहवें दिन आता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति होती है। साल 2020 में 14 जनवरी की रात्रि में सूर्य उत्तरायण होंगे और 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। यह कहना गलत है कि सूर्य इसी दिन उत्तरायण भी होता है। तथ्य यह है कि उत्तरायण का प्रारंभ 21-22 दिसंबर को होता है। 

लगभग अठारह सौ साल पहले ग्रह गणित के कारण संक्रांति और उत्तरायण स्थिति एक ही समय होती थी। शायद इसी वजह से कुछ जगह संक्रांति और उत्तरायण को एक ही समझा जाता है। उदाहरण के लिए तमिलनाडु में इसे पोंगल (Pongal) के रूप में मनाते हैं। कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे सिर्फ संक्रांति कहते हैं। गोआ, ओडिशा, हरियाणा, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, और जम्मू आदि प्रांतों में मकर संक्रांति कहते हैं। हरियाणा और पंजाब में इसे लोहड़ी के रूप में एक दिन पूर्व 13 जनवरी को ही मनाया जाता है। पौष संक्रांति, मकर संक्रमण आदि भी कुछ प्रसिद्ध नाम हैं।

उत्तरायण काल को ऋषि मुनियों ने जप, तप और सिद्धि प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना है। इसे देवताओं का दिन माना जाता है। गीता में स्वयं श्रीकृष्ण ने कहा है कि उत्तरायण के छह माह में पृथ्वी प्रकाशमय होती है।  इसके अलावा उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि माना गया है। भावात्मक रूप से उत्तरायण शुभ और प्रकाश का प्रतीक है, तो दक्षिणायन कंलक कालिमा का मार्ग मानते हैं। श्रीकृष्ण ने इसे पुनरावृत्ति देने वाला धूम्र मार्ग वाला कहा है

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!