नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक मिशनरी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पेरेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया। पैरंट्स का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने उनकी बेटियों के लेगिंग उतरवाए। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि छात्राओं के लेगिंग यूनिफार्म के कलर से मैच नहीं कर रहे थे इसलिए उन्हें उतारने के लिए कहा गया। शिक्षा मंत्री ने इस मामले में कार्रवाई की बात की है।
छात्राओं ने ठंड के कारण लेगिंग्स पहनी थी
प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने आरोप लगाया कि सोमवार को पांच से नौ वर्ष की बच्चियां सुबह ठंड होने के कारण स्कूल लेगिंस पहनकर गई थीं लेकिन प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षकों ने उसके स्कूल यूनिफार्म से मेल ना खाने के कारण उसे उतरवा दिया। छात्रा के पिता ने कहा, ‘मेरी बेटी सोमवार दोपहर जब वापस आई तो मैंने देखा कि उसने लेगिंग्स नहीं पहनी है। पूछने पर उसने बताया कि शिक्षक ने उसे उतरवा दिए।’
टीचर्स बोले- किसी से जबरदस्ती नहीं की गई
स्कूल की प्रधानाचार्य सिस्टर अर्चना फर्नांडीज ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह छात्रों को अपनी लेगिंग्स उतारने के लिए मजबूर करने की घटना नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘छात्राओं को केवल लेगिंग्स देने को कहा था क्योंकि वे स्कूल की वर्दी से मेल नहीं खा रही थी।’ एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा, ‘छात्राओं को केवल लेगिंग्स उतारने के लिए कहा गया था, किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की गई।’
सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया
पश्चिम बंगाल शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि इस कथित घटना को गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा विभाग से भी स्कूल अधिकारियों से इसपर रिपोर्ट मांगने को कहा है। चटर्जी ने कहा, ‘रिपोर्ट मिलने के बाद मैं सुनिश्चित करूंगा कि उचित कार्रवाई की जाए। हम आईसीएसई बोर्ड से भी इस संबंध में बात करेंगे।’