जबलपुर। गोराबाजार थाने में एक प्रेमी जोड़े के मामले को लेकर घंटों ड्रामा चलता रहा। ग्वालियर से भागकर अपने प्रेमी से मिलने आई युवती के परिजनों को उसके जबलपुर आने की जानकारी लगी, तो वे पुलिस को लेकर यहाँ पहुँच गये। हंगामा होने पर मामला थाने पहुँचा और वहाँ पर युवती ने कहा कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है। काफी मान-मनौव्वल के बाद भी वह परिजनों के साथ जाने को राजी नहीं हुई और परिजनों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
पूरा मामला-
सूत्रों के अनुसार ग्वालियर के एक परिवार के साथ वहाँ की पुलिस गोराबाजार थाने पहुँची और अपनी बेटी खुशी उम्र 18 वर्ष 1 माह के घर से भागकर जबलपुर स्थित भोंगाद्वार निवासी अरुण चौधरी (Arun Chaudhary) के घर होने की आशंका जताई। उनकी शिकायत पर पुलिस टीम अरुण के घर पहुँची तो वहाँ पर ग्वालियर से आई युवती मौजूद थी। युवती को देखते ही परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। विवाद बढऩे की स्थिति को देखते हुए पुलिस युवती व उसके प्रेमी को थाने लेकर पहुँची। वहाँ युवती और उसके परिजनों के बीच लंबी चर्चा हुई, लेकिन युवती अपने प्रेमी को छोड़कर जाने के लिए किसी भी कीमत पर राजी नहीं हुई। युवती की जिद के सामने परिजनों ने हार मानकर बेटी को उसके हाल पर जबलपुर में छोड़कर चले गये।
थाने में पूछताछ के दौरान युवती ने पुलिस को बताया कि उसके रिश्तेदार रांझी में रहते हैं। वहीं उसके प्रेमी अरुण की मौसी भी रांझी में रहती है। उसकी अरुण से वहीं पर पहचान हुई थी और फिर उनके बीच प्रेम संबंध बन गये थे। युवती का कहना था कि वह अब बालिग हो चुकी है और अपनी मर्जी से अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है।
ग्वालियर से आई युवती को भोंगाद्वार में अरुण चौधरी के घर से खोजा गया था। दोनों को थाने लाकर पूछताछ की गयी। युवती ने अपने परिजनों की बात नहीं मानी और अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ रहने की इच्छा जाहिर की।
-उमेश गोलानी, टीआई