भोपाल। राजधानी पर इस बार इंद्र देवता खासे मेहरबान रहे। 31 अगस्त की सुबह तक इस सीजन की 1236.2 मिमी. बरसात हो चुकी है। यह सामान्य से 359.3 मिमी. अधिक है। इस वर्ष अगस्त के 31 में से 25 दिन पानी गिरा। इस माह कुल 493.2 मिमी. पानी गिरा।
पिछले 8 वर्ष में दूसरी बार ऐसी बारिश
पिछले 8 वर्ष की बात करें तो दूसरी बार अच्छी बरसात हुई है। इसके पूर्व वर्ष-2016 में 31 अगस्त तक सीजन की कुल 1341.9 मिमी. बरसात हुई थी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सितंबर की शुरूआत में भी भोपाल सहित प्रदेश के अनेक स्थानों पर झमाझम बरसात होने की संभावना है।
सितम्बर में क्या होगा
तीन मानसूनी सिस्टम के सक्रिय रहने से प्रदेश के विभिन्ना स्थानों पर बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी है। उधर 2 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसके प्रभाव से 3 सितंबर से पूरे प्रदेश में बरसात की गतिविधियों में तेजी आएगी। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की भी संभावना रहेगी।
मौसम विज्ञानी अभिजीत कुमार ने बताया कि वर्तमान में एक कम दबाव का क्षेत्र पूर्वी मप्र. और उससे लगे छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। मानसून ट्रफ अनूपगढ़,अलवर,ग्वालियर,बांदा,अंबिकापुर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इसके अतिरिक्त अरब सागर और उससे लगे गुजरात पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इन तीन सिस्टम के सक्रिय होने से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से बड़े पैमाने पर नमी आने का सिलसिला जारी है।