कलेक्टर ने रात 12 बजे SDM का बुलाया, गाड़ी छीनी, पद से हटाया, 3:30 पर पैदल छोड़ा

भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं होशंगाबाद कलेक्टर शीलेंद्र सिंह संदेह की जद में आ गए हैं। मामला राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं एसडीएम होशंगाबाद रवीश श्रीवास्तव के साथ हुए विवाद का है। कलेक्टर ने रात 12 बजे एसडीएम को बुलाया। अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के सामने दवाब बनाया गया। बात नहीं बनी तो रात के समय ही रवीश श्रीवास्तव को एसडीएम पद से हटा दिया गया। उनका वाहन छीन लिया और रात 3:30 बजे पैदल वापस जाने को छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि सारा विवाद अवैध रेत का है। एसडीएम कार्रवाई करने के लिए अड़ गए थे।

भाजपा विधायक को बचाने सारा घटनाक्रम हुआ

एसडीएम पद से हटाए गए राप्रसे रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि मामला कुलामड़ी रेत स्टॉक का है। वो करीब 50 अवैध रेत डंपरों पर कार्रवाई करने वाले थे। यह कारोबार वैभव शर्मा का है जो भाजपा विधायक सीतासरन शर्मा का भतीजा है। एसडीएम ने इसकी लिखित शिकायत प्रमुख सचिव कार्मिक से की है। कलेक्टर ने कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी है आरे एसडीएम को नोटिस दे दिया गया है। एसडीएम छुट्टी पर चले गए हैं। रात 3:30 बजे उनकी जगह आदित्य रिछारिया को नया एसडीएम बना दिया गया। बताया गया है कि घटना के वक्त एडीएम केडी त्रिपाठी, तहसीलदार शैलेंद्रसिंह बड़ाेनिया, नायब तहसीलदार ललित सोनी सहित लिपिक और ड्राइवर कलेक्टर बंगले पर मौजूद थे।

मामला क्या है

कुलामड़ी रेत स्टाॅक के लिए खनिज पाेर्टल गुरुवार रात तक चालू था, जबकि सरकार ने इसे शाम को ही बंद कर दिया था। रात में जब स्टॉक पर एसडीएम श्रीवास्तव जांच को पहुंचे तो वहां 50 डंपर खड़े मिले। कार्रवाई के लिए खनिज विभाग के अफसरों को बुलाना चाहा। तभी कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने एसडीएम रवीश श्रीवास्तव को कॉल करके तत्काल बंगले पर उपस्थित होने के लिए कहा। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ऑफिसर्स क्लब की फाइल को लेकर बात कर रहे थे। 

पूरी प्रशासनिक टीम को बुलाया था कोई नहीं आया

एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे प्रदेश में खनिज पोर्टल बंद करने के निर्देश के बाद भी एक ही फर्म का परमिशन चालू था। इसकी जांच करने गया था। खनिज इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार सहित खनिज अमले काे भी बुलाया था, काेई नहीं आया। कार्रवाई करने से पहले ही कलेक्टर ने बंगले पर बुला लिया। मुझे तीन घंटे तक बंगले पर बंधक बनाकर रखा। साहब की असल नाराजगी रेत की है।

खुद को बंधक कहने लगे तो उसमें मैं क्या कर सकता हूं

कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि हाईकाेर्ट में ऑफिसर्स क्लब की जमीन का मामला विचाराधीन है। महाधिवक्ता ने इसकी फाइल बुलाई थी। एसडीएम को फाइल तहसीलदार काे देने के लिए कहा था। गुरुवार देर रात तक जब फाइल नहीं दी तो तहसीलदार, एसडीएम को पूछताछ के लिए बुलाया था। एसडीएम के खिलाफ कई शिकायत पहले भी मिली हैं। घर कोई मिलने आए और बाहर जाकर खुद को बंधक कहने लगे तो उसमें मैं क्या कर सकता हूं।

मंत्री बोले- यह तो प्रशासनिक विफलता

मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि रेत या अन्य मामलों को लेकर कलेक्टर और एसडीएम के बीच हुआ यह विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह प्रशासनिक विफलता है। मुख्यमंत्री से इस मामले को लेकर चर्चा की जाएगी।  विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।

एसडीएम रवीश श्रीवास्तव की जुबानी पूरा घटनाक्रम

नजूल की एक फाइल देने के लिए कहा जा रहा था। एसडीएम ने बताया कि मुझसे कहा जा रहा था कि ऑफिसर्स क्लब की एक फाइल है, तहसीलदार को हैंडओवर कर दें। मैंने अपने रीडर से कहा कि तहसीलदार से पावती ले लो और हैंडओवर कर दो। रीडर ने बताया कि तहसीलदार बडोनिया का कहना है कि मैं साइन करके नहीं दूंगा पर्सनल काम से जबलपुर जा रहा हूं। मैंने बोला कि ऐसे में तो फाइल नहीं दूंगा। यदि गायब हो जाएगी तो मेरी जवाबदारी होगी, नजूल अधिकारी के रूप में। रीडर का 11 बजे फोन आया कि तहसीलदार बडोनिया ने साइन कर रसीद दे दी है। मैंने बोला कि फोटो कॉपी कराओ और फाइल हैंडओवर कर दो।

कलेक्टर ने फोन कर बंगले पर बुलाया 

एसडीएम बोले कि रात 12 बजे कलेक्टर साहब का फोन आया। मैं बांद्राभान में रेत के स्टॉक की जांच करके लौट रहा था। 11.45 बजे कुलामड़ी बायपास पर स्टॉक पर 50 से ज्यादा ट्रक खड़े हुए दिखे। चूंकि शाम को रायल्टी बंद हो चुकी थी मैंने पूछा कि ट्रक क्यों खड़े हुए हैं। इस दौरान पाया कि दो चार वाहनों के पास रायल्टी थी, बाकी किसी के पास नहीं थी। मैंने तुरंत माइनिंग इंस्पेक्टर अर्चना को फोन कर कहा कि तुरंत यहां पहुंचिए। ये अवैध परिवहन करने वाले हैं। दूसरा फोन नायब तहसीलदार ललित सोनी को किया। उसी समय कलेक्टर का फोन आया उन्होंने बंगले पर बुलाया। जब मैं कलेक्टर बंगले में पहुंचा तो ललित और पूरे स्टॉफ के बयान प्रेशरराइज करके लिए जा रहे थे। मैं जब पहुंचा तो मुझसे कहा कि जेल भिजवाएंगे और एफआईआर करवाएंगे।

ड्राइवर को पकड़कर खींचा, चाबी निकाल ली

एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान मेरा मोबाइल जब्त करने की कोशिश की गई। मैंने वारंट होने की बात कही। तभी मैं बाहर निकलने की कोशिश करने लगा। दो गार्डों ने मेरे ड्राइवर को पकड़कर खींचा और गाड़ी से चाबी निकाल ली। मैं पैदल जाने लगा तो गेट पर खड़े गार्डों ने रोक लिया। तीन घंटे तक घर में ही अरेस्ट करके रखा। मेरी गाड़ी भी बंगले पर खड़ी कर ली। तहसीलदार की गाड़ी मेरे ड्राइवर को छोड़ने जा रही थी, उसी गाड़ी से मैं अपने घर पहुंचा।

कलेक्टर-एसडीएम के बीच हुए विवाद के यह हैं दो मुख्य कारण

पहला कारण - कलेक्टर और एसडीएम के बीच हुए विवाद का पहला कारण ऑफिसर क्लब की फाइल बताई जा रही है। जिसमें एक व्यक्ति को 45 करोड़ की नजूल की भूमि आवंटन का मामला है। इस मामले में हाईकोर्ट में प्रशासन को जवाब देना है। एसडीएम के पास जो फाइल थी कलेक्टर ने वह मांगी थी। एसडीएम का कहना था कि उन्हें पावती चाहिए।

दूसरा कारण - कलेक्टर ने बुधवार को रेत के 8 स्टॉक को रेत बेचने की मंजूरी दी थी। शासन की आपत्ति के बाद गुरुवार रात में रेत के स्टॉक की मंजूरी निरस्त हो गई। एसडीएम कलेक्टर को जानकारी दिए बगैर कार्रवाई करने पहुंच गए। जिस स्टॉक पर कार्रवाई करने पहुंचे थे वह पूर्व विधायक के बेटे का है। माइनिंग अधिकारियों को भी बुलाया गया था।

एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने सवाल उठाए

सवाल एक - रवीश श्रीवास्तव का कहना है कि पूरे प्रदेश में खनिज रॉयल्टी बंद तो फिर होशंगाबाद में आठ रेत स्टाक को अनुमति क्यों दी गई? इन अनुमति को भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निरस्त कर दिया है।

सवाल दो - आफिसर्स क्लब की 45 करोड़ कीमत की जमीन के मामले की फाइल मुझसे बिना रिसीविंग के मांगी जा रही थी। फाइल से कोई कागज हट जाता तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। मैंने अपने रीडर से कहा था कि फाइल हैंडओवर करने के पहले पावती ले लीजिएगा।

पत्र से दे रहा हूं जानकारी: रवीश श्रीवास्तव

मेरे साथ जो भी घटनाक्रम कलेक्टर बंगले में गुरुवार रात को हुआ है उसकी पूरी जानकारी पत्र के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को दे रहा हूं। मेरा मोबाइल जब्त करने की कोशिश की गई थी। साथ ही गाड़ी भी रख ली गई। मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि मुझे पद से हटा दिया गया है। मुझे तो कलेक्टर ने ही फोन कर 12 बजे बंगले पर बुलाया था। रात तीन बजे अपने घर पहुंचा। आचरण अधिनियम में बंधे होने के कारण मैं ज्यादा कु छ नहीं बोल पा रहा हूं।
- रवीश श्रीवास्तव, पूर्व एसडीएम, होशंगाबाद

भ्रष्टाचार के आरोप थे इसलिए हटाया: शीलेंद्र सिंह

एसडीएम रवीश श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसी के चलते उन्हें पद से हटा दिया गया हैं। ऑफिसर्स क्लब के संबंध में फाइल उनसे मांगी गई थी। मामला न्यायालय में है जिसका जवाब प्रस्तुत करना जरूरी है। वह फाइल नहीं दे रहे थे। मैंने हमेशा ही अवैध माइनिंग पर कार्रवाई करने के कहा है। मैं भला कार्रवाई करने से क्यों रोकू ंगा। जो भी आरोप उन्होंने लगाए हैं वे झूठे हैं। शासन स्तर पर पूरी जानकारी भेजी जा रही है। शासन ने आठ रेत स्टाकों को अनुमति दी थी और शासन ने ही उन्हें निरस्त की है।
- शीलेंद्र सिंह, कलेक्टर, होशंगाबाद

लिखित जानकारी नहीं आई है

होशंगाबाद कलेक्टर व एसडीएम के बीच में क्या घटनाक्रम हुआ है उसकी लिखित जानकारी मेरे पास नहीं आई है। लिखित में जैसे ही मामला सामने आएगा संज्ञान लिया जाएगा।
- रविंद्र मिश्रा, कमिश्नर, नर्मदापुरम संभाग

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