जबलपुर। मरचुरी में शव को कीड़े खा गए और फ्रीजर से नर कंकाल निकला। यह हद दर्जे की लापरवाही विक्टोरिया अस्पताल (Victoria Hospital) में सामने आई, जहां चिकित्सा अधिकारी इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि मरने वाला कौन है और फ्रीजर में शव कब और किसने रखा था। गनीमत रही कि बुधवार रात गरीब नवाज कमेटी के सदस्यों की नजर फ्रीजर में कीड़े लगे नरकंकाल पर पड़ी, तब जाकर मामले का खुलासा हो पाया। गुस्र्वार सुबह से चिकित्सा अधिकारी चकरघिन्नी बने रहे लेकिन यह पता नहीं लगा पाए कि शव मरचुरी तक कैसे पहुंचा।
दरअसल हुआ यह कि गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली ने बताया कि विक्टोरिया अस्पताल के टीबी वार्ड में बुधवार को समनापुर बीजाडांडी से आए मरीज सुखचैन ने बिस्तर पर ही गंदगी कर दी थी, जिसकी दुर्गंध से परेशान अन्य मरीज वार्ड से बाहर निकल गए थे। अस्पताल के सफाई कर्मियों ने मरीज की सफाई करने से इनकार कर दिया था। बाद में गरीब नवाज कमेटी के सदस्य पहुंचे और सफाई की। बुधवार रात में ही सुखचैन की मौत हो गई।
जिसका शव फ्रीजर में रखने के लिए गरीब नवाज कमेटी के सदस्य मरचुरी पहुंचे। कमेटी के एक सदस्य ने दूसरे फ्रीजर को खोलकर देखना चाहा तो उसमें से एक साथ हजारों की तादात में कीड़े निकले, जिन पर नजर पड़ते ही वह बाहर भागा। कुछ देर बाद फ्रीजर खोलकर देखा गया तो शव होने का पता चला। बुधवार रात शव को यथावत फ्रीजर में रख दिया गया था।
एक माह पुराना शव होने की आशंका
मृतक कौन है इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन चिकित्सकों ने आशंका जताई है कि शव करीब एक माह पुराना है। चिकित्सा अधिकारियों ने कर्मचारियों को फटकार लगाई कि मरचुरी के फ्रीजर की समय-समय पर जांच क्यों नहीं की गई।
अस्पताल के सभी वार्डों में दस्तावेज का अवलोकन किया गया लेकिन अज्ञात मृतक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। विक्टोरिया के आरएमओ डॉ. संजय जैन ने कहा कि मरचुरी की चाबी आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में कर्मचारियों की सुपुर्दगी में रहती है। किसी कर्मचारी के सहयोग के बगैर मरचुरी में शव रखना नामुमकिन है।
फ्रीजर तक अज्ञात व्यक्ति का शव कैसे पहुंचा, इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। मरचुरी में शव रखने के पूर्व दस्तावेजों में उसे दर्ज किया जाता है। अज्ञात के शव का कोई रिकॉर्ड आकस्मिक चिकित्सा कक्ष और वार्डों में नहीं मिला।
डॉ. संजय जैन, आरएमओ विक्टोरिया अस्पताल