हम अक्सर बीमा पॉलिसी जिदंगी भर टेंशन फ्री रहने के लिए लेते हैं लेकिन कई बार पॉलिसी बेचने वाले एजेंट कई झूठे वादे करते हैं। जब पॉलिसी हमारे हाथ में आती है उसमें किए गए वादें नदारद होते हैं लेकिन ऐसा होने पर तनाव में आने की जरूरत नहीं है। आप ऐजेंट से झगड़ा किए बिना इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
हर बीमा कंपनी नई बीमा पॉलिसी के साथ फ्री लुक पीरियड देती है। आपको 15 दिन का समय मिलता है। अपनी पॉलिसी की समीक्षा करें एवं यदि आपको लगता है कि यह सही पॉलिसी नहीं है या इसकी शर्तें आपको स्वीकार नहीं हैं तो आप इसे वापस कर सकते हैं। आपको कोई चार्ज नहीं लगेगा। आपसे कोई सवाल भी नहीं किया जाएगा और ऐसा कोई नियम नहीं है जो आपको पॉलिसी वापस करने से रोकता हो।
आइए जानें फ्री-लुक पीरियड के बारे में.
(1) LIC की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, फ्री लुक अवधि का फायदा आप 15 दिनों तक उठा सकते हैं। फ्री-लुक अवधि के दौरान आप कंपनी को पॉलिसी वापस कर सकते हैं। इरडा के दिशानिर्देशों के अनुसार बीमा कंपनियां पॉलिसी धारकों को पॉलिसी जारी करने के बाद फ्री-लुक अवधि उपलब्ध कराती है।
(2) फ्री-लुक पीरियड कम से कम 3 साल की जीवन बीमा पॉलिसी या स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर ही लागू होती है। इस अधिकार का प्रयोग पॉलिसी के दस्तावेज मिलने के 15 दिनों के भीतर किया जा सकता है। पॉलिसी दस्तावेज की प्राप्ति की तारीख साबित करने का दायित्व पॉलिसीधारक का होता है।
(3) फ्री-लुक पीरियड का फायदा उठाने के लिए पॉलिसीधारक बीमा कंपनी को उसकी फ्री-लुक अवधि की दिशा में काम करने के लिए लिख सकता है। अधिकतर मामलों में कंपनी की वेबसाइट से फ्री लुक फार्म डाउनलोड किए जा सकते हैं।
(4) इसमें पॉलिसीधारक को पॉलिसी के दस्तावेज मिलने की तिथि, एजेंट की जानकारी और रद्द करने या बदलने के कारण के बारे में जानकारी देनी होती है।
(5) इसके अलावा आपको पॉलिसी के सभी डॉक्युमेंट, पहले प्रीमियम की रसीद, एक कैंसिल चेक और अन्य दस्तावेज जमा कराने होते हैं। पैसे वापस देने के मामले में पॉलिसीधारक को बैंक संबंधी जानकारी भी उपलब्ध कराने की जरूरत होती है।
(4) ऐसे करें अपनी पॉलिसी कैंसल- अगर आपने पॉलिसी कैंसल करने का फैसला कर लिया है तो सिर्फ एजेंट को बोलने से काम नहीं चलेगा। एजेंट इस प्रोसेस में देरी कर सकता है। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जब एजेंट फ्री-लुक पीरियड खत्म होने तक डॉक्युमेंट्स अपने पास ही रखे रहते हैं.इसलिए आप अपना फैसला सीधे कंपनी को बताएं।
(5) पॉलिसी कैंसलेशन ऐप्लिकेशन जमा करने के लिए आपको कंपनी के दफ्तर जाना होगा। कई कंपनियां वेबसाइट्स पर कैंसलेशन फॉर्म डालकर रखती हैं, जिसे डाउनलोड किया जा सकता है।
(6) यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (यूलिप) के मामले में अगर कोई फ्री-लुक अवधि में पॉलिसी रद्द करने का निर्णय लेता है तो उसे कम से कम गैर-आवंटित प्रीमियम के बराबर राशि मिलेगी। इसके अलावा यूनिट रद्द करने पर लगाए गए शुल्क, रद्द करने की तारीख पर फंड का मूल्य मिलेगा जिसमें से खर्चे काट लिए जाएंगे। ऐसा तब होगा जब पॉलिसी आपत्ति के कारण के साथ लौटाई जाती है।
(7) कितना मिलेगा पैसा वापस- कैंसिलेशन कराने पर भी प्रीमियम की पूरी रकम का रिफंड नहीं होगा। यहां तक कि अगर आप फ्री-लुक पीरियड के दौरान पॉलिसी रिटर्न करते हैं तो भी कंपनी मेडिकल टेस्ट और स्टांप ड्यूटी का खर्च काटकर ही पैसे लौटाएगी।
यहां देख सकते हैं इससे जुड़ी और जानकारी http://www.policyholder.gov.in/Free-Look__Period.aspx