हर्षित INDORE और अखलाक BHOPAL ने फर्जी मानव संसाधन मंत्रालय पकड़वाया

Bhopal Samachar
भोपाल। इंदौर के इंजीनियर हर्षित भारद्वाज तथा भोपाल के सैयद अखलाक ने मुंबई से संचालित हो रहे फर्जी केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को खोज निकाला और इसके संचालक दंपत्ति सोहेल अहमद व जाहिरा अहमद को गिरफ्तार करवाया। साइबर क्राइम पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन्हे मुंबई से अरेस्ट किया गया है। 

पिता प्रोफेसर, पत्नी एमबीए, ससुर रिटायर्ड ब्रिगेडियर

सोहेल की एक पत्नी रिटायर्ड ब्रिगेडियर की बेटी व एक एमबीए पास है। सोहेल कुछ समय इंदौर के बेलमोंट पार्क व ओशियन पार्क में किराए पर रहा। सोहेल अहमद के पिता स्व. अफजल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में समाज शास्त्र के प्रोफेसर थे, जिनके सरकारी दफ्तरों में जाते समय उसे मानव संसाधन मंत्रालय के सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज में जाने का भी मौका मिला।

डॉट (.) की जगह डेश (-) लगाकर फर्जी मंत्रालय बना लिया

पिछले दिनों उसने एक अंग्रेजी दैनिक में सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज में असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर नियुक्ति का विज्ञापन प्रकाशित कराया था। विज्ञापन में उसने एक ई-मेल और एक वेबसाइट का उल्लेख किया। सरकारी वेबसाइट दिखाने के लिए उसने वेबसाइट में डॉट जीओवी डॉट इन की जगह डेश जीओवी डॉट दिखाया। इंदौर के एक इंजीनियर हर्षित भारद्वाज तथा भोपाल के सैयद अखलाक ने विज्ञापन के आधार पर आवेदन कर दिया।

125 बार में हर्षित से 17 लाख रुपए जमा करवाए

सायबर पुलिस के मुताबिक, कुछ महीने पहले हर्षित व अखलाक को नियुक्ति मिलने की सूचना मिली। उन्हें अतिरिक्त निदेशक रणविजय सिंह के नाम से सोहेल अहमद ने सूचना दी थी। हर्षित को एक लाख 10 हजार रुपए वेतन बताया गया और कहा गया कि आपको प्रोजेक्ट के सिलसिले में विभिन्न् शहरों में अधिकारियों से मुलाकात करने जाना होगा।

नौकरी के नाम पर देश भर में भेजता रहा

हर्षित को वह फोन कर यात्रा टिकट भेजकर कभी भोपाल, कभी दिल्ली के शास्त्री भवन, कभी जयपुर तो कभी तेलंगाना और अन्य जगहों पर भेजता रहा। उससे दिल्ली के तीन अलग-अलग खातों में 125 बार में 17 लाख 11 हजार रुपए जमा करवाए तो अखलाक से डेढ़ लाख रुपए की राशि जमा करवाई।

सात महीने आमने-सामने नहीं आया

हर्षित को सात महीने वह एक शहर से दूसरे शहर में घुमाता रहा, लेकिन कभी आमने-सामने मुलाकात नहीं की। जब शक हुआ तो हर्षित और अखलाक ने सायबर पुलिस से शिकायत की। जांच के दौरान मैसूर की एक लड़की के साथ भी ठगी का पता चला। पुलिस वहां पहुंच पाती, उससे पहले वह भाग गया। बाद में उसे मुंबई के गोरेगांव स्थित निवास से गिरफ्तार किया गया।
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