अनुच्छेद-370: नोबेल विजेता मलाला ने भी भारत का समर्थन किया | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने पर पाकिस्तान, संसद से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रोना रो रहा है। दूसरी तरफ पाकिस्तान की ही नोबेल पुरस्कार प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने भारत सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। मलाला ने ट्वीट कर कहा, 'हर किसी को अमन और चैन की जिंदगी जीने का अधिकार है।' भारत के इस फैसले का समर्थन करने वालों में मलाला अकेली नहीं हैं। जानें- अन्य अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटीज और संगठनों की क्या है प्रतिक्रिया।

मालूम हो कि भारत ने सोमवार (05-अगस्त-2019) को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म कर विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया है। इसके बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। इस मसले को पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गलत तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा है और मदद की भीख मांग रहा है। हांलाकि उसे हर जगह से नाकामी मिल रही है। बौखलाहट में पाकिस्तान ने भारत से राजनयिक और व्यापारिक संबंध खत्म करने की घोषणा कर दी है। अपने हवाई क्षेत्र (Air Space) को आंशिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है। भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस का संचालन भी निलंबित कर दिया है। वहीं भारत में भी कुछ विपक्षी दल और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।

मलाला ने पाक को दिखाया आईना

ऐसे में पाकिस्तान को उन्हीं के देश की नोबेल पुरस्कार विजेता 22 वर्षीय मलाला युसुफजई ने आईना दिखाने का काम किया है। मलाला ने ट्वीट कर अनुच्छेद-370 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस मसले पर भारत के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर दक्षिण एशिया के सभी देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से जम्मू-कश्मीर की आवाम खासकर महिलाओं और बच्चों को लेकर चिंतित रही हैं, क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा हिंसा झेली है। पिछले 70 साल से वहां के लोग बदहाली में जी रहे हैं। उनका कोई विकास नहीं हुआ। मलाला ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दक्षिण एशिया उनका घर है, जिसे वह 1.8 अरब आबादी के साथ साझा करती हैं। इसलिए इस एरिया में किसी भी तरह की अशांति उन्हें परेशान करती है। कश्मीर का एक अलग रंग, अलग संस्कृति, भाषा और जीवनशैली है। उन्हें भी अमन और चैन से जीने का अधिकार है।

पीढ़ियों से बदहाल है कश्मीर

मलाला ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'कश्मीर कई पीढ़ियों से बदहाल है। वह बचपन से कश्मीर की ये बदहाली देख रही हैं और ये हालात उस वक्त भी थे, जब उनके माता-पिता छोटे थे। उनके दादा जब जवान थे, तब भी कश्मीरी लोग मुश्किलों में जी रहे थे। अब उन्हें और कष्ट झेलने की जरूरत नहीं है।' मलाला के इस ट्वीट का ये मतलब निकाला जा रहा है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 समाप्त होने के बाद वहां खुशहाली, अमन-चैन और विकास की उम्मीद जताई है।

तनाव कम करने को बातचीत करें दोनों देश : EU

जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर यूरोपियन यूनियन (EU) ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच अनुच्छेद-370 खत्म करने को लेकर जो तनाव बढ़ा है, उसे कम करने के लिए दोनों देशों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। बातचीत की मेज पर इस तनाव को कम किया जा सकता है। ईयू की विदेश मामलों और सुरक्षा नीति की उपाध्यक्ष फेडरिका मोगेरिनी ने कहा, 'कश्मीर मामले को भारत-पाक द्विपक्षीय वार्ता के जरिए हल करें।'

तालिबान की पाकिस्तान को नसीहत

कश्मीर मुद्दे पर तालिबान ने भी पाकिस्तान को नसीहत दी है। तालिबान ने पाकिस्तान के विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, जिसमें उन्होंने कश्मीर के मौजूदा हालात की तुलना अफगानिस्तान से की थी। तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बयान जारी कर कहा है कि कश्मीर मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़े जाने से मसला हल नहीं होगा, क्योंकि अफगानिस्तान का मुद्दा इससे एकदम अलग है। अफगानिस्तान को दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का थियेटर न बनाएं। पाकिस्तान सरकार पर सवाल उठाते हुए तालिबान ने कहा, 'ऐसा क्यों है कि अफगान लोग काबुल में बैठकर शांति का आनंद ले रहे हैं, लेकिन कश्मीर में खून बह रहा है। ये हमें स्वीकार नहीं है।' तालिबान ने दोनों देशों से हिंसा से बचने की भी अपील की है।

अन्य देशों ने बताया आंतरिक मामला

बांग्लादेश में आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करना भारत का अंदरूनी मामला है। हमें किसी अन्य देश के घरेलू मामलों पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, हम पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मालदीव ने भी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने को भारत का अंदरूनी मामला बताया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनिओ गुटेरस ने दोनों देशों से कश्मीर मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।

अमेरिका ने भी कहा है कि वह दोनों देशों से नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने की अपील करता है। अमेरिका ने कहा, 'हम भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर और अन्य मसलों पर सीधी बातचीत का समर्थन करते रहेंगे।' हांलाकि, चीन ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की भाषा बोली है। चीन ने कहा है कि वह कश्मीर में भारत-पाकिस्तान के माध्यम से त्रिकोणीय विकास की रूपरेखा तैयार कर रहा था, लेकिन भारत ने सभी संभावनाओं को खत्म कर दिया है।

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