क्या सौरभ भी बलराम सिंह के नेटवर्क का हिस्सा है: विंध्य का पाकिस्तान कनेक्शन | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। 2017 से पहले तक मध्य प्रदेश में माफिया और आतंकवादी या नक्सली संगठनों के नेता छुपने के लिए तो आते थे परंतु यहां के लोग आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं थे। 2017 में पहली बार रीवा के बलराम सिंह के नेटवर्क का खुलासा हुआ और अब सीधी का सौरभ शुक्ला पकड़ा गया। सवाल यह है कि क्या बलराम सिंह ने ही यह सारा नेटवर्क बनाया है और बड़ा सवाल यह है कि क्या बलराम सिंह का नेटवर्क अब भी काम कर रहा है। 

2017 में पकड़ा गया था बलराम सिंह का नेटवर्क

2017 में एटीएस ने ग्वालियर से 5, भोपाल से 3 और जबलपुर से 2 लोगों को गिरफ्तार किया। मुख्य सरगना बलराम सिंह निवासी रीवा को सतना से पकड़ा गया था। एटीएस को बलराम के घर से 100 से ज्यादा सिम कार्ड और करीब इतने ही बैंक खाते भी मिले थे। इनका इस्तेमाल बातचीत कराने और पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया जा रहा था। वह पैसे के बल पर स्थानीय युवकों के जरिए भारत में खौफनाक जाल बिछा रहा था।

पाकिस्तान के लिए निजी टेलीफोन एक्सचेंज चलता था बलराम

सतना से गिरफ्तार मास्टर माइंड बलराम निजी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए पाकिस्तान से आने वाली इंटरनेट कॉल को मोबाइल कॉल में कन्वर्ट कर चाहे गए नंबरों पर बात भी कराता था। इसके लिए वह चाइनीज सिम बॉक्स का इस्तेमाल कर रहा था। पाकिस्तान से आने वाली कॉल सेना के अधिकारियों को भी किए गए थे। इनके जरिए फर्जी अधिकारी बन कर उनसे जानकारियां हासिल कर ली जाती थीं। इस मामले में तीन राज्यों की एटीएस मिलकर काम कर रही थी।

जम्मू से मिला था मप्र का लिंक

तत्कालीन एटीएस चीफ संजीव शमी के अनुसार नवंबर 2016 में जम्मू के थाना आरएसपुरा में सतविंदर व दादू नाम के दो व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये आईएसआई एजेंट के कहने पर सामरिक महत्व की सैन्य सूचनाएं एकत्रित कर पाकिस्तान भेज रहे थे। सतविंदर को इस काम के लिए सतना के बलराम के माध्यम से पैसे दिए जा रहे थे। बलराम कई बैंक खातों को अलग-अलग नामों से चला रहा था और पाकिस्तानी एजेंट के लगातार संपर्क में था।

कई कॉल सेंटर भी चल रहे थे

बलराम सिंह के खातों में पैसा फर्जी टेलीफोन एक्सचेंजों के माध्यम से आ रहा था और ये कई स्थानों पर संचालित किए जा रहे थे। इन एक्सचेंजों के माध्यम से कॉलर की पहचान छिप जाती है। ऐसे एक्सचेंजों की आड़ में न सिर्फ लॉटरी फ्रॉड बल्कि हवाला जैसे कामों को भी अंजाम दिया जा रहा था।

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