नम्रता को न्याय की उम्मीद जगी, सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट नामंजूर | MP NEWS

भोपाल। व्यापमं घोटाले की एक कड़ी नम्रता डामोर को एक बार फिर न्याय मिलने की उम्मीद जग गई है। दर्जनों बार नम्रता डामोर हत्याकांड की फाइल खुली और बंद हुई। नम्रता डामोर मामले की जांच कर रहे एक पत्रकार की भी संदिग्ध मौत हुई। सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी परंतु कोर्ट ने उसे नामंजूर कर दिया है।

सीबीआई ने नम्रता की मौत को सुसाइड बताते हुए 30 दिसंबर 2017 को क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। नम्रता के पिता मेहताब सिंह ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट को बताया कि उन्हें आशंका है कि बेटी की हत्या के बाद उसकी लाश रेलवे ट्रैक किनारे फेंकी गई थी। रेलवे के गेटमैन ने उन्हें यह बात बताई थी। सीबीआई ने उस गेटमैन से बयान तक नहीं लिए। इस आधार पर कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले में दोबारा जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। व्यापमं घोटाले की जांच से जुड़े सीबीआई के शीर्ष अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट में उस ट्रेन की बोगी में सवार यात्रियों के बयान भी पेश किए थे, जिसमें नम्रता सवार थी।

नम्रता केस की पड़ताल कर रहे टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की भी मौत हो गई थी

जुलाई 2015 में टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध मौत हो गई थी। इसके बाद यह मामला देशभर में गूंजा और सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं महाघोटाले व इससे जुड़ी संदिग्ध मौतों की जांच सीबीआई को देने के आदेश दिए थे। सीबीआई ने 23 संदिग्ध मौतों पर प्राथमिकी दर्ज की थी। नम्रता की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज किया था। 7 जनवरी 2012 को नम्रता का शव उज्जैन के पास रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था। नम्रता की मौत के अलावा अन्य 23 संदिग्ध मौतों में सीबीआई पहले ही क्लोजर रिपोर्ट पेश कर चुकी है। सीबीआई का कहना है कि उसे अपनी जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। 

हत्या और आत्महत्या में क्यों उलझा केस : 

नम्रता के शव का पोस्टमार्टम करने वाली टीम ने हत्या की बात कही थी, लेकिन मेडिको लीगल एक्सपर्ट की रिपोर्ट में इसे सुसाइड बताया गया। सीबीआई ने दोनों रिपोर्ट का फॉरेंसिक एक्सपर्ट से परीक्षण कराया। सीबीआई का दावा है कि इसमें भी हत्या के प्रमाण नहीं मिले।

किसी भी हालत में इंदौर छोड़ना चाहती थी नम्रता

शुरूआती मीडिया ट्रायल में सामने आया था कि वो किसी भी हालत में तत्काल इंदौर छोड़कर जाना चाहती थी। उसने अपने एक दोस्त को फोन पर कहा था कि जो ट्रेन मिले उसका टि​कट दिला दो। वो ग्वालियर की ट्रेन पकड़ने के लिए निकली थी लेकिन ट्रेन जा चुकी थी, जबलपुर की ट्रेन आ रही थी तो उसी का टिकट ले लिया। 

पोस्टमार्टम में हत्या की आशंका जताई थी

इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता डामोर का शव 7 जनवरी 2012 को उज्जैन के शिवपुरा-भेरूपुर रेलवे ट्रैक पर मिला था। उज्जैन के तीन डाक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम कर हत्या की आशंका जताई थी लेकिन बाद में आत्महत्या का बताकर केस का खात्मा लगा दिया था। 

एक ट्रेन गुजर चुकी थी 

जांच में सामने आया हैं कि नम्रता जिस ट्रेन से कूदी या ढकेली गई उसके बाद वो दूसरे ट्रैक पर जाकर गिरी। जहां से एक ट्रेन उसके ऊपर से भी गुजरी थी। हालांकि नम्रता जिस स्थिति में ट्रैक पर गिरी थी उससे गुजरने वाली ट्रेन से उसे कोई चोट नहीं पहुंची। इधर मामले में उस युवती के बयान भी लिए गए है जो उस दिन नम्रता के साथ ट्रेन में थी। युवती के अनुसार नम्रता काफी परेशान थी और इधर-उधर घूम रही थी। उसने नम्रता को फोन पर बातचीत करते हुए भी सुना था। उसके अनुसार उस बातचीत के बाद वह कहां चली गई उसे भी पता नहीं था। 
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