आयुष्मान भारत: 12 लाख नौकरियां आने वालीं हैं, तैयारियां कर लें | AYUSHMAN BHARAT JOB

पवन कुमार | नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम ‘आयुष्मान भारत’ अगले 3 से 5 साल में रेलवे के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा कर सकती है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के मुताबिक, नई नौकरियां सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में मिलेंगी। इसके जरिए करीब 12.84 लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है, जबकि रेलवे में 15.07 लाख लोग काम करते हैं। 95% नौकरियां मेडिकल फील्ड और 5% अन्य क्षेत्रों से जुड़ी होंगी। 

हालांकि, यह स्पष्ट है कि निजी क्षेत्र में ज्यादा रोजगार मिलेगा, क्योंकि निजी क्षेत्र के छोटे-छोटे अस्पतालों को भी योजना से जोड़ा जा रहा है। 9 महीने पहले शुरू हुई इस स्कीम में अब तक 47 हजार लोगों को नौकरियां मिल चुकी हैं। 29 लाख लोग इसके जरिए इलाज करा चुके हैं। इस स्कीम में तहत केंद्र सरकार गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक का हेल्थ कवर देती है।

सरकारी के बजाय निजी क्षेत्रों में ज्यादा रोजगार मिलेगा

डॉ. इंदु भूषण, सीईओ, आयुष्मान भारत का कहना है कि अगले एक साल में सभी राज्यों को इस स्कीम से जोड़ा जाना है। अभी दिल्ली, ओडिशा और तेलंगाना में यह लागू नहीं हुई है। प. बंगाल भी इससे जुड़ने के बाद अलग हो गया। करीब 55 करोड़ लोगों को इस योजना से लाभ दिलाने का लक्ष्य है।

1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अनुमान: 2 लाख नौकरियां

2022 तक डेढ़ लाख हेल्थ सेंटर्स को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बदलेगी। हर सेंटर पर कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर या आयुष डॉक्टर होगा। इससे 1.5 लाख सरकारी नौकरियां आएंगी। मल्टीपर्पस मेल हेल्थ वर्कर की तैनाती होगी। इनकी संख्या करीब 50 हजार होगी।

1.5 लाख नए बेड अनुमान: 7.5 लाख नौकरियां

10 करोड़ से ज्यादा परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनने हैं। मौजूदा और नए अस्पतालों में 1.5 लाख बेड बढ़ेंगे। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 1 बेड बढ़ने पर 5 नई नौकरियां बढ़ती हैं। इनमें डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, सपोर्ट स्टाफ, सफाईकर्मी आदि हैं।

आरोग्य मित्र अनुमान: 90 हजार नौकरियां

सरकार का लक्ष्य देशभर के 30 हजार अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने का है। अब तक 16 हजार अस्पतालों को जोड़ा जा चुका है। हर अस्पताल में 3 आरोग्य मित्र तैयान करने की प्रस्ताव है। इस हिसाब से 90 हजार नौकरियां आएंगी।

मेडिकल स्टाफ बढ़ेगा अनुमान: 1.5 लाख नौकरियां

सरकार जिन 30 हजार अस्पतालों के जरिए योजना चला रही है, वहां आयुष्मान कार्डधारकों की संख्या बढ़ेगी। मरीजों को सही इलाज मिले, इसकी मॉनिटरिंग केंद्र सरकार के प्रतिनिधि करेंगे। ऐसे में इन 30 हजार अस्पतालों में कम से कम 5-5 कर्मी बढ़ने का अनुमान है।

सपोर्ट सिस्टम अनुमान: 75 हजार नौकरियां

सरकार 10-10 बेड वाले छोटे अस्पतालों को भी आयुष्मान में रजिस्टर्ड कर रही है। वहां फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन और लैब की जरूरत है। ये अस्पताल इन सेवाओं को आउटसोर्स करेंगे। अनुमान है कि इसके जरिए 75 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

इंश्योरेंस कर्मी, इंप्लीमेंटेशन यूनिट अनुमान: 4200 नौकरियां

आयुष्मान योजना के लिए 17 इंश्योरेंस कंपनियां काम कर रही हैं। हर जिले में न्यूनतम 3 कर्मियों की तैनाती का अनुमान है। इसके अलावा हर राज्य में स्टेट हेल्थ एजेंसी बनाई जाएगी। इन सबसे करीब 2100 नौकरियां जनरेट हाे सकती हैं।

प्रशासनिक काम: अनुमान: 15 हजार नौकरियां

राज्य या आयुष्मान से जुड़े अस्पताल योजना के नियमों का सही से पालन कर रहे हैं या नहीं, इसके ऑडिट और प्रसार के लिए भी सरकार टीम तैयार कर रही है। इसके ग्रांउड लेवल पर प्रसार के लिए 10 हजार और ऑडिट के लिए 5 हजार लोग तैनात होंगे।

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