इंदौर। मप्र में कृषि शिक्षा के निजीकरण का विरोध छात्रों द्वारा किया जा रहा है। गुरुवार को इंदौर स्थित कृषि महाविद्यालय के प्रवेश द्वारा पर छात्रों ने अर्धनग्न होकर मप्र सरकार की नीतियों का विरोध किया।
विद्यार्थियों का कहना है कि 4 साल की बीएससी एग्रीकल्चर के बाद ही कृषि महाविद्यालय में प्रवेश मिलता था लेकिन मप्र सरकार ने प्राइवेट कॉलेज के छात्रों को पहली काउंसलिंग में रखने के साथ ही महाविद्यालय में भर्ती करने का नया नियम निकाला है। गलत नीतियों से स्नातक की डिग्री बांटी जा रही है और कृषि शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। इस नए नियम के विरोध में यह प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने मप्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
छात्रों का कहना है कि कृषि कॉलेज के लिए आईसीएआर (इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च) के नियमों का पालन होना जरूरी है लेकिन मप्र में आईसीएआर के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। प्रायवेट कॉलेज में लैब के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है इसके बावजूद उन्हें डिग्री दी जा रही है।