नई दिल्ली। लोअर मिडिल एवं मिडिल क्लास की सबसे पसंदीदा बचत योजनाओं (Best Savings plans) पर ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद जागी है। बैंक संचालकों (Bank operators) ने सरकार से मांग की है कि वो बचत योजनाओं (SAVING SCHEME) पर ब्याज दर (INTREST RATE) बढ़ाए ताकि बैंक में पैसा आ सके। बता दें कि इन दिनों ज्यादा ब्याजदर के लालच में लोग NBFC, पब्लिक कंपनियों की जमा योजनाओं में पैसा लगा रहे हैं या फिर चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के साथ बजट पूर्व चर्चा के दौरान बीमा नियामकों और बैंकरों ने ये मांगे रखीं कि बीमा पर कर छूट बढ़ाई जाए एवं बचत योजनाओं पर ब्याज दर भी बढ़ाई जाए। बीमा नियामक इरडा (IRDA) के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया ने कहा कि एनपीएस की तरह टर्म प्लान पर अतिरिक्त टैक्स छूट (Extra tax rebate) देकर निवेश बढ़ाया जा सकता है।वित्तीय और पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों ने एनएससी, किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) जैसी लघु बचत योजनाओं (Small savings schemes) पर ब्याज दरबढ़ाने की मांग रखी ताकि बैंकों के पास जमा बढ़ सके और कर्ज देने के लिए उनके पास ज्यादा पूंजी हो। निवेशकों ने डेट एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बनाने का प्रस्ताव रखा।
एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फंडिंग, लघु उद्योगों का कर छूट लाभ, निर्यात बढ़ाने के तमाम उपायों पर विचार किया गया। बजट इस बार पांच जुलाई को पेश होगा। बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, राजस्व सचिव एबी पांडेय और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन भी शामिल हुए।