भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के श्यामला प्लांट से जुडे तलैया, चैक, मंगलवारा, और श्यामला हिल्स के 30 हजार घरों में दूषित पानी सप्लाई किया जा रहा है। इन इलाकों के पानी में घातक बैक्टीरिया फीकल कोलीफार्म (Fecal Coliform) पाया गया है। सरल शब्दों में बताएं तो 30 हजार घरों में जो पानी सप्लाई किया जा रहा है उसमें मल-मूत्र मिला हुआ है। यह पानी पीने के लिए क्या नहाने और कपड़े धोने के लिए भी वर्जित माना जाता है।
एजीएमपी के सोशल ऑडिट में खुलासा हुआ है कि राजधानी में 30 जगहों से लिए गए सैंपलों में से 5 फेल हो गए हैं। उनमें खतरनाक अशुद्धि मिली है। श्यामला प्लांट से जुडे तलैया, चैक, मंगलवारा, और श्यामला हिल्स के 30 हजार घरों में गंदा पानी जा रहा है। कई इलाके ऐसे हैं जहां बीमरियों को न्यौता दे रहा मटमैला पानी सप्लाई हो रहा है। श्यामला हिल्स फिल्टर प्लांट में तो फिल्ट्रेशन के बाद लिए गए सैंपल में घातक बैक्टीरिया फीकल कोलीफार्म पाया गया है। इससे साफ है कि पानी में मल-मूत्र मिला हुआ है, जिससे पूरी फिल्ट्रेशन प्रोसेस पर ही सवाल खड़ा हो गया है, क्योंकि ट्रीटेड पानी में भी यदि फीकल कोलीफार्म पाया गया है तो इसका साफ मतलब है कि ट्रीटमेंट में डिसइन्फेक्शन नहीं किया जा रहा है।
पीसीसी से जारी प्रेसनोट के अनुसार उपरोक्त खुलासे से साफ है कि पीने के पानी में फीकल कोलीफार्म मिलना बेहद खतरनाक है, जिससे टाइफाइड, हेपेटाइटिस और पीलिया जैसी गंभीर बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है। यह मामला केवल गंदा पानी सप्लाई होने तक सीमित नहीं है बल्कि ट्रीटमेंट से लेकर सप्लाई तक पूरे सिस्टम में बरती जा रही लापरवाही भी इससे साफ उजागर हो रही है। यदि भोपाल के पूरे वाटर सप्लाई नेटवर्क की बात की जाए तो 20 लाख आबादी के हिसाब से स्टैंडर्ड का पालन ही नहीं हो रहा है। सभी फिल्टर प्लांटों में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है।