भोपाल। देश के सबसे दस गर्म शहरों में चार मप्र के है। स्कायमेट वेदर रिपोर्ट के मुताबिक इन चार शहरों में नौगांव- 47•8°, होशंगाबाद-47•7°, ग्वालियर-47•5° व खजुराहों-46•9° तक पहुँच गया है। जबलपुर में भीषण गर्मी से आठवीं मौत के समाचार है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि मप्र स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशानुसार दिनांक 01 मई से 09 जून 2019 तक ग्रीष्मावकाश घोषित कर रखें है।
देश काल परिस्थितियों को मद्देनज़र देश की आजादी से विगत 1990 तक ग्रीष्मावकाश 01 मई से 30 जून 61 दिन पूरे ग्रीष्मावधि का अवकाश रहता था। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों का वातानुकूलित सर्वसुविधा युक्त आफिसों बंगलों में बैठकर नीति निर्धारण जमीनी हकीकत से परे है । इसी का परिणाम है ग्रीष्मावधि में नाम पर 47-48° तापमान की जानलेवा गर्मी जो अमूमन पूरे जून माह रहती हैं; इसमें भी विद्यालयों के अवकाश घटाकर विद्यालय लगाने को आतुर हैं।
प्रदेश की संवेदनशील कमलनाथ सरकार से दरकार है कि तत्काल ग्रीष्मावकाश बढ़ाकर 30 जून 2019 किया जावे। भीषण गर्मी, ठंडे शुद्ध पेयजल का अभाव, सरकारी स्कूलों में पंखों का अभाव व जहाँ है वे लू उगल रहे है। ऐसे में विद्यालय लगाना अमानवीय होकर मानवधिकारों का अलंग्घन है। मप्र में अभी कोई सिस्टम निकट भविष्य में नहीं दिखता है जिससे भीषण गर्मी से राहत मिल सके।