भोपाल। यहां शाहजहांनाबाद में स्थित सरकार द्वारा जर्जर घोषित पानी की टंकी को गिराने में नगर निगम के पसीने छूट गए। टंकी को गिराने के लिए दो दिनों से चल रही मशक्क्त गुरुवार को भी जारी रही। बुधवार के बाद गुरुवार को भी टंकी में विस्फोटक लगाने के बाद धमाके किए गए। लेकिन टंकी नहीं गिरी बस एक ओर झुक गई। अब निगम अमला इसे हथौड़े से तोड़ने में जुटा है।
करीब 40 साल से ज्यादा पुरानी ये टंकी को जर्जर घोषित किया गया है यानी तेज आंधी या जमीन में हल्के से कंपन की स्थिति में यह गिर सकती है और लोगों की जान के लिए खतरा बन सकती है। नगर निगम ने इसे गिराने का फैसला किया था। बुधवार को टंकी में डायनामाइट लगाकर विस्फोट किया गए, लेकिन टंकी नहीं गिर पाई। टंकी में जिन स्थानों पर विस्फोटक लगाया गया था वहां बस बड़े-बड़े छेद हो गए।
इसके बाद गुरुवार को टंकी गिराने के लिए विस्फाेट विशेषज्ञ शरद सरवटे की टीम ने फिर से डाइनामाइट लगाए। विस्फोट होने के बाद टंकी के नीचे का कुछ हिस्सा टूटा और वो फिर खड़ी अवस्था में जमीन पर आकर टिक गई। इसके बाद नगर निगम का अमला इसे हथौड़े से तोड़ने का निर्णय किया है।
या तो टंकी जर्जर नहीं थी या डाइनामाइट नकली है
अब केवल 2 ही बातें हो सकतीं हैं। या तो टंकी जर्जर नहीं हुईं थीं। इंजीनियर्स ने किसी ठेकेदार से मिलकर इसे जर्जर घोषित किया ताकि ठेकेदार को नया ठेका दिया जा सके या फिर शरद सरवटे का डाइनामाइट नकली है जो केवल आवाज करता है। मिलावट के कारण जर्जर निर्माण को भी तोड़ने में सक्षम नहीं है।